इंदौर – धार – दाहोद रेल परियोजना ब्रिज से लेकर टनल के काम रुके
रतलाम
रेलवे ने हाल ही में इंदौर – धार – दाहोद रेल परियोजना को फिर से मंजूरी दी है। दो साल से इस योजना पर रेलवे बोर्ड ने ब्रेक लगा हुआ था। बे्रक के बाद से ब्रिज बनाने से लेकर टनल के काम रुके हुए थे। ऐसे में अब रेलवे के तकनीकी मामलों के जानकार ही यह सवाल उठा रहे है कि दो साल में रुके हुए काम को मात्र दो साल में किस तरह से कर दिया जाएगा। जहां काम रुके हुए है, वहां अभी तो टेंडर होना शेष है।
रेल मंडल के दाहोद-इंदौर वाया सरदारपुर-झाबुआ-धार 204.76 किमी लंबी नई रेल लाइन योजना जिसपर वर्ष 2020 में रोक लगी थी। रेलवे बोर्ड द्वारा उसे कुछ समय पूर्व ही फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है। रेलवे ने दावा किया है कि इस योजना में जून २०२४ से इंदौर – धार के बीच यात्री ट्रेन चलने की शुरुआत हो जाएगी। जून 2012 में रेलवे बोर्ड द्वारा समीक्षा के बाद 1640.04 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। इस योजना की कुल लंबाई 204.76 किमी है। जिसमें 21 किमी गुजरात में तथा शेष 183.76 किमी मध्यप्रदेश में से होकर ट्रेन चलेगी। इस योजना का दो सेक्शन, इंदौर-राऊ 12 किमी एवं राऊ-टीही 9 किमी का काम जून 2016 व मार्च 2017 में पूरा होकर 21 किमी खंड कमिशन हो चुका है। वर्ष 2020 में इस योजना को कोरोना के बाद को रोका गया तथा मई 2020 से कार्य को बंद कर दिया गया।
रेलवे ने इंदौर से धार के सरदारपुर के लिए १०६.४६ किमी तक कार्य के लिए भूमि का अधिग्रहण किया है। इतना ही नहीं टीही तथा धार के बीच 46.6 किमी सेक्शन के लिए टेंडर की प्रकिया हाल तो चल रही है। ऐसे में फरवरी माह में टेंडर होने के बाद यह कमेटी के पास जाएगा। अप्रेल तक पूरी प्रक्रिया पूरी होगी। ऐसे में समझा जा सकता है कि रेलवे का जून २०२४ तक इंदौर से धार तक ट्रेन चलाने का दावा धरातल पर कितना खरा उतरेगा। असल में इन क्षेत्र में कई स्थान पर बड़े व छोटे ब्रिज बनाने का कार्य किया जाना है। दो वर्ष पूर्व रोक के दौरान जो कार्य रुके, उनको अब फिर से शुरू किया जाना है। ऐसे में इन सब में समय लगेगा।