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भोजन स्वाद के लिए नहीं, स्वास्थ्य के लिए करना चाहिए: मुनिश्री अक्षय सागरजी महाराज

- निःशुल्क आयुर्वेद स्वास्थ्य शिविर एवं सम्मान समारोह का समापन

सीहोर। नगर में जैन समाज द्वारा आयोजित निःशुल्क आयुर्वेद स्वास्थ्य शिविर एवं सम्मान समारोह का समापन हो गया। शिविर लगातार 6 दिनों तक चला और इसमें सैकड़ों लोगों ने उपचार कराकर स्वास्थ्य लाभ भी लिया। इस दौरान उपस्थित लोगों को मुनिश्री अक्षय सागरजी महाराज ने बताया कि भोजन स्वाद के लिए नहीं, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए करना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी स्वाद के लिए कुछ भी खा रही है, लेकिन यह स्वाद बाद में उनके लिए बेहद गंभीर बनने वाला है, इसलिए भोजन सिर्फ बेहतर स्वास्थ्य के लिए होना चाहिए। स्वास्थ्य शिविर का आयोजन समाधिस्थ आचार्य विद्या सागर जी महाराज की असीम अनुकंपा, आचार्य समय सागरजी के आशीर्वाद, मुनिश्री अक्षय सागरजी, ऐलकश्री महाराज की प्रेरणा और सानिध्य में स्वर्णकार मांगलिक भवन में आयोजित हुआ। इसमें देश के प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य, विशेषज्ञों द्वारा मर्म चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, पंचकर्म, आर्थाेपेटिक, आंखों की जांच आदि सभी प्रकार की बीमारियों का उपचार सुचारू रूप से किया गया। शिविर का प्रथम सत्र 18-19 सितंबर को हुआ, जिसमें शिविर केन्द्र जैन संत भवन तथा स्कूलों में स्वर्ण प्राशन दवाई सम्यकत्व वर्धिनी महिला मंडल द्वारा लगभग 10 हजार बच्चों को पिलाई गई। 20 से 23 सितंबर तक स्वर्णकार मांगलिक भवन में आयोजित निःशुल्क आयुर्वेद स्वास्थ्य शिविर में शहरवासियों के अलावा बाहर से आए हजारों लोगों ने जटिल व पुराने रोगों से राहत प्राप्त कर मुनिश्री के मुखारविंद से भी आशीष वचन सुने। शिविर के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस विकास राठौर, पूर्व जिला पंचायत, पूर्व नगर पालिकाअध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, जिला महामंत्री राजकुमार गुप्ता, पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के सदस्य सीताराम यादव, युवा नेता गौरव सन्नी महाजन सहित अजय जैन उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुनिश्री अक्षय सागरजी महाराज ने कहा कि अभी तक 401 से अधिक निःशुल्क आयुर्वेद स्वास्थ्य शिविर देश के विभिन्न स्थानों पर जैन समाज व स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित किए गए। यह सब हमारे गुरुवर आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज द्वारा दिखाए गए पथ एवं मार्गदर्शन के कारण संभव हुआ। मुनिश्री ने कहा कि हिंसा सिर्फ दूसरों के प्राणों का घात करना ही नहीं, बल्कि हमारी भी हिंसा अपने खुद के द्वारा होती है। स्पर्शन इन्द्रिय का हम अगर दुरूपयोग करते हैं तो उस प्राण की हम हिंसा कर रहे हैं। मुख्य अतिथि लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि संतों द्वारा बताए मार्ग पर हम सभी को चलना चाहिए, क्योंकि संतों द्वारा बताए गए मार्ग से ही जीवनपथ पर आगे बढ़ा जा सकता है। इस दौरान शिविर में योगदान देने वाले, दानदाताओं तथा कार्यकर्ताओं का सम्मान मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन कवि चंद्रसेन विराट ने किया तो वहीं स्वागत भाषण अजय   न ने दिया।

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