किसानों के विरोध के बीच सीहोर जिले में भावांतर योजना के तहत सोयाबीन खरीदी शुरू
- किसान कर रहे हैं भावांतर योजना का विरोध, उनकी मांग सरकार एमएसपी पर खरीदे सोयाबीन

सीहोर। किसानों के विरोध के बावजूद भी सरकार ने सोयाबीन की खरीदी भावांतर योजना के तहत शुरू कर दी है। इस कड़ी में 24 अक्टूबर से जिले की सभी कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन खरीदी कार्य प्रारंभ हो गया। खरीदी प्रक्रिया की सुचारू एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कलेक्टर बालागुरू के. ने इछावर भैरूंदा, गोपालपुर, राला एवं लाड़कुई की कृषि उपज मंडियों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। कलेक्टर ने गोपालपुर मंडी के निरीक्षण के समय गोपालपुर रोड की मरम्मत के भी निर्देश दिए। इधर किसानों की मांग है कि सरकार उनकी सोयाबीन एमएसपी पर खरीदी, ताकि उन्हें उपज का पूरा पैसा मिले। किसानों का कहना है कि एक तरफ बारिश के कारण उनकी सोयाबीन पूरी तरह से खराब हो चुकी है और सरकार भावांतर पर सोयाबीन खरीदकर व्यापारियों को लाभ दे रही है। व्यापारी औने-पौने दामों पर सोयाबीन की खरीदी कर रहे हैं और सरकार जो भावांतर की राशि दे रही है उससे किसानों के बीज की भी लागत नहीं निकल पा रही है। ऐसे में भावांतर योजना से नहीं सरकार एमएसपी पर उनकी सोयाबीन की खरीदी करे।
कलेक्टर ने किया निरीक्षण, दिए ये निर्देश-
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने मंडी परिसर में की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया और किसानों से चर्चा कर सोयाबीन खरीदी की प्रक्रिया देखी। उन्होंने एसडीएम सहित सभी संबंधित अधिकारियों से कहा कि मंडी में उपज लेकर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी या असुविधा न हो, इसके लिए समुचित प्रबंध किए जाएं। कलेक्टर ने मंडी सचिव, राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी पात्र किसान भावांतर योजना के लाभ से वंचित न रहे। यदि किसी किसान को खरीदी कार्य से संबंधित कोई समस्या या शिकायत हो, तो उसका तत्काल और प्रभावी निराकरण किया जाए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने उपज तौल, पंजीयन, परिवहन, गुणवत्ता परीक्षण एवं भुगतान व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि खरीदी कार्य में पूरी पारदर्शिता और त्वरित भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसानों को समय पर उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि मंडियों में पेयजल, विश्राम स्थल, तौल मशीन, परिवहन और सुरक्षा की सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहें। खरीदी कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने राजस्व, कृषि और सहकारी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मंडियों का सतत निरीक्षण करते रहें, ताकि सोयाबीन खरीदी की प्रक्रिया सुगमता, पारदर्शिता और किसान हित में संचालित की जा सके और किसानों को अपनी उपज विक्रय में किसी भी प्रकार परेशानी का सामना न करना पड़े। निरीक्षण के दौरान इछावर एसडीएम स्वाती मिश्रा, भैरूंदा एसडीएम सुधीर कुशवाह सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
किसान स्वराज संगठन ने बताया ‘लुटांतर’ योजना-
किसान स्वराज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र जाट ने कहा कि यह भावांतर योजना नहीं, बल्कि लुटातंर योजना है। यह योजना सिर्फ व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए है। इसमें किसानों का नुकसान ही नुकसान है। भावांतर योजना के तहत सरकार ने खरीदी शुरू करवा दी है, जबकि किसान ही इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों के विरोध के बावजूद भी सरकार भावांतर योजना पर खरीदी करवा रही है। उन्होंने कहा कि किसान स्वराज संगठन शुरू से ही भावांतर योजना का विरोध कर रहा है। इसको लेकर भैरूंदा में टैÑक्टर रैली भी निकाली थी। एक तरफ राजस्थान, महाराष्टÑ में सरकार एमएसपी पर सोयाबीन की खरीदी कर रही है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार एमएसपी पर खरीदी नहीं कर रही है।



