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ये किसानों के बेटे हैं, अखिलेश यादव जेब से ‘लाल पोटली’ निकाल कर बोले- बताया क्यों लेकर घूम रहे हैं इसे

मुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे तो किसानों को लेकर अपना रोडमैप बताया। जयंत चौधरी के संग खुद को किसान का बेटा बताते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार चौधरी चरण सिंह, अजित सिंह और मुलायम सिंह यादव की विरासत को आगे बढ़ाएगी। इस दौरान अखिलेश यादव ने जेब से निकालकर एक 'लाल पोटली' दिखाई और कहा कि इसमें अन्न है और इसलिए इसे जेब में लेकर घूम रहे हैं। हेलिकॉप्टर को दिल्ली में देर से उड़ान की इजाजत की वजह से काफी देरी से मुजफ्फरनगर पहुंचे अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दो लड़के, और बुआ भतीजा के बाद अखिलेश-जयंत की जोड़ी को क्या नाम देंगे? एक पत्रकार की ओर से पूछे गए  इस सवाल के जवाब में सपा अध्यक्ष ने कहा, ''ये दोनों किसानों के बेटे हैं। किसानों के हक के लिए आखिरी वक्त तक लड़ेंगे। इसलिए मैं जेब में एक पोटली लेकर चलता हूं, लाल टोपी और लाल पोटली। यह अन्न दाता के पक्ष में उन्हें हारने के लिए अन्न संकल्प लेकर चलता हूं।''

अखिलेश यादव ने कहा, ''मैं चौधरी चरण सिंह को याद करता हूं, उन्होंने जो रास्ता दिखाया था, किसानों को मजबूत करने के लिए, उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए। चौधरी चरण सिंह, अजित सिंह, बाबा टिकैत और नेता जी ने सरकारों को जगाने का काम किया। मुझे खुशी है इस बात की आज जयंत चौधरी और हम लोग इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। यह चुनाव जहां किसानों के भविष्य का है, वहीं चौधरी चरण सिंह के विरासत को आगे बढ़ाने का है जो किसानों को संपन्न बनाना चाहते थे।''अखिलेश यादव ने कहा, ''हमने कहा है कि है बिजली मुफ्त होगी, सिंचाई की व्यवस्था होगी। गन्ने की भुगतान के लिए किसानों को 15 दिन भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा, इसके लिए बजट में व्यवस्था की जाएगी।'' मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट क्यों नहीं दिया गया? इसके जवाब में सपा अध्यक्ष ने कहा, ''गंगा जमुनी तहजीब है, हम नकारात्मक राजनीतिक को खत्म कर रहे हैं। सवाल यह नहीं कि किसे टिकट मिला किसे नहीं, हम किसानों के लिए लगातार संघर्ष करेंगे।'' पलायन और मुजफ्फरनगर दंगों का मुद्दा उठाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी अभी भी पुराने ही मुद्दे उठा रही है। उनके नेता पुराने ही सवाल उठा रहे हैं। उन्हें रोजगार के मुद्दे पर जवाब देना चाहिए।

 

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