शहीद भवन में कारतूस 1857 क्रांति के बाद आज देखिए ‘आजादी की अग्निशिखाएं’
भोपाल
आजादी के लिए अपना तन, मन जीवन समर्पित कर देने वाले राष्ट्र नायकों की वीरगाथाओं का जीवंत चित्रण इन दिनों भोपाल के शहीद भवन में देखा जा रहा है। संस्कृति विभाग के अंतर्गत स्वराज संस्थान संचालनालय द्वारा आयोजित , देश भक्ति पर केंद्रित यह नाट्य प्रस्तुतियां कलाप्रेमी दर्शकों को बहुत पसंद आ रही हैं।
इसी के अंतर्गत 28 जनवरी की शाम " कारतूस 1857 क्रांति " का नाट्य प्रदर्शन शाम 6:30 बजे विधायक विश्राम गृह परिसर स्थित शहीद भवन में किया गया।
इस नाटक में 1857 की क्रांति के बारे में बताया गया।
इस नाटक में यह बताया गया कि कैसे अंग्रेजी अत्याचार के विरुद्ध जनता का विद्रोह बड़ा मेरठ की छावनी में सैनिक विद्रोह किस तरह हुआ क्रांति की आग अब तक कैसे पहुंची रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे नाना साहब की क्रांतिकारी गतिविधियों के साथ ही हजारों क्रांतिकारियों की शहादत के बारे में भी इस नाटक में विस्तार से बताया गया है इस नाटक में सुभद्रा कुमारी चौहान, बहादुर शाह जफर , मैथिलीशरण गुप्त जैसे अमर देशभक्तों की कविताओं , ग़ज़लों का भी प्रयोग किया गया।
इस नाटक के निर्देशक दिनेश नायर ने बताया कि " कारतूस 1857 क्रांति " नाटक के माध्यम से भारतीय जनमानस में राष्ट्रभक्ति की चेतना जागृत करने का प्रयास किया गया है। हमारी संस्कृति ,सभ्यता , स्वतंत्रता को कोई हतोत्साहित न कर सके इसलिए हम भारतवासियों को एकजुट होकर देना है इस नाटक का संदेश भी यही है।
इस बारे में स्वराज संस्थान के कार्यक्रम समन्वयक प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि देशभक्तों की जीवन गाथा से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है । स्वराज संस्थान ने आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में जन योद्धा नाट्य समारोह का आयोजन किया है। इसके अंतर्गत विगत 22 जनवरी से आज दिनांक तक कारतूस 1957 क्रांति , बिरसा मुंडा, आईएम सुभाष, आनंदमठ, पृथ्वीराज चौहान, टंट्या भील, भीमा नायक जैसे महान राष्ट्र नायक पर नाटक की प्रस्तुति हो चुकी है । इन प्रस्तुतियों को संस्कृति के अनुरागी दर्शक बहुत प्रशंसनीय बता रहे हैं ।
इन प्रस्तुतियों का आनंद लेने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बड़ी संख्या में प्रतिदिन दर्शक शहीद भवन पहुंच रहे हैं। श्री अग्रवाल ने बताया कि आज 29 जनवरी की शाम " आजादी की अग्निशिखाएं " का मंचन होगा जिसमें आजादी के बारे में इतिहास की रोचक जानकारी मिलेगी । यह प्रस्तुति सुप्रसिद्ध रंगकर्मी तरुणदत्त पाण्डेय के निर्देशन में होगी।
राजधानी की सामाजिक संस्था
"आत्मीय सभा " ने देशभक्ति की भावना को बढ़ाने के लिए संस्कृति विभाग, स्वराज संस्थान संचालनालय के प्रति आभार प्रकट किया है। इस संबंध में " आत्मीय सभा " ने संस्कृति मंत्री विदुषी उषा ठाकुर को पत्र प्रेषित कर निवेदन किया है कि आजादी के महान सेनानियों की जीवन गाथा पर केंद्रित नाटक का मंचन तहसील स्तर पर किया जाना चाहिए । इसमें स्थानीय समाजसेवी, सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी मिलेगा । ऐसे आयोजन से देशभक्ति की भावना बढ़ेगी और स्थानीय स्तर पर प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे।