चुनावी सर्वे: पंजाब में AAP की लग सकती है लॉटरी, गोवा और उत्तराखंड की सत्ता में भाजपा की वापसी संभव
नई दिल्ली।
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में जीत हासिल करने जा रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी गोवा और उत्तराखंड में सत्ता बरकरार रखने जा रही है। पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में चुनावों से पहले किए गए एक जनमत सर्वेक्षण ने यह दावा किया है। सर्वे के मुताबिक, पंजाब में कांग्रेस को 43 से 46 सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीं, भाजपा के खाते में 0-3 सीटें जाती दिख रही है।सर्वे में पंजाब में शिरोमणि अकाली दल को 10 से 13 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि आप को 57 से 60 सीटों के साथ सरकार बना सकती है।सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि 46.32 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं।
गोवा में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है AAP
गोवा में भी बीजेपी सत्ता में बने रहने के लिए तैयार है। सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि आप के तटीय राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। 40 सीटों में से बीजेपी को 20-23 सीटें, कांग्रेस को 4 से 6 सीटें, आप को 6-10 सीटें जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों को 5 से 6 सीटें मिलने की उम्मीद है। यहां भगवा पार्टी को जहां 32.64 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस को 16.74 फीसदी, आप को 24.85 फीसदी, एमजीपी को 7.74 और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 2.12 फीसदी वोट मिलने की संभावना है।
धामी उत्तराखंड में सबसे पसंदीदा सीएम उम्मीदवार
सर्वे के मुताबिक, उत्तराखंड में बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। पहाड़ी राज्य में मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे पसंदीदा सीएम उम्मीदवार हैं। कुल 70 सीटों में से बीजेपी के खाते में 42-46 सीटें जाती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस को 12-14 सीटों और आप 8-11 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। निर्दलीय उम्मीदवारों को भी 2-5 सीटें जाने की संभावना है। उत्तराखंड में भाजपा का वोट प्रतिशत 41.11 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस का 27.31 प्रतिशत, आप का 18.67 प्रतिशत और निर्दलीय उम्मीदवारों का 12.91 प्रतिशत रह सकता है।
उत्तराखंड में क्या है हरीश रावत की स्थिति?
सर्वे में शामिल अधिकांश लोगों की राय थी कि हरीश रावत को सीएम उम्मीदवार नहीं बनाने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा प्रवक्ता संजू वर्मा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के चार धाम मंदिर बोर्ड को खत्म करने के फैसले से आगामी चुनावों में भगवा पार्टी को फायदा होगा।