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सेंसेक्स-निफ्टी में पिछले दो महीने में 11% टूटे, निवेशकों के 25 लाख करोड़ रुपये डूबे

नई दिल्ली

कोरोना के नए संस्करण ओमीक्रोन के बढ़त मामलों के कारण वैश्विक स्तर से मिले कमजोर संकेतों के दबाव में घरेलू बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कई यूरोपीय देशों में कोविड को लेकर नए सिरे से लागू पाबंदियां, विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार भारी बिकवाली और दुनिया के कुछ प्रमुख सेंट्रल बैंकों की तरफ से नीतियों में कड़ाई और तरलता घटाने के उपाय उठाने के चलते भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई।

अप्रैल 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट
सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों में अप्रैल 2021 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट आई। दोपहर 1.02 बजे, बीएसई सेंसेक्स करीब 1,849 अंक या 3.24 फीसदी का गोता लगाकर 55,162.50 अंक पर पहुंच गया था। हालांकि, बाद में गिरावट कुछ कम हो गई। इस तरह 19 अक्टूबर को अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद से अब तक सेंसेक्स में करीब 11 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। वहीं निफ्टी कारोबार में 566.5 अंक या 3.3 फीसदी टूटकर 16,418.70 अंक पर पहुंच गया था। 19 अक्टूबर की रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद से अब तक निफ्टी में 11.65 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। पिछले दो महीनों में निवेशकों की संपत्ति करीब 25 लाख करोड़ रुपये घट चुकी है।

चीन ने ब्याज दर घटाकर बाजार को चौंकाया
चीन ने अप्रैल 2020 के बाद पहली बार सोमवार को ब्याज दरों में कटौती की, जिसके बाद दुनियाभर के बाजार में कमजोरी देखी गई। ग्लोबल बाजारों में इस बिकवाली का भारतीय शेयर बाजारों पर दबाव देखने को मिला। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका-ब्रिटेन के केन्द्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले के उलट चीन ने दरें घटाने का फैसला किया है। इससे निवेशकों में घबराहट फैल गई।

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