भोपालमध्य प्रदेश

शीघ्र आएगी मध्यप्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी – मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि युवाओं द्वारा उद्यमी भावना के साथ प्रारंभ किए गए स्टार्टअप देश में एक क्रांति ला रहे हैं। मध्यप्रदेश शीघ्र ही नई स्टार्टअप पॉलिसी तैयार कर उसे लागू करेगा। इसके अलावा ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर्स समिट के विचार को भी जमीन पर उतारा जाएगा।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी द्वारा गत सात वर्ष में देश में स्टार्टअप को दिए गए प्रोत्साहन के फलस्वरूप युवा शक्ति का उदय हुआ है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। इस एक्सपो के माध्यम से 17 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं में उद्यमशीलता बढ़ाने और स्टार्टअप स्थापित करने के लिए दिशा-दर्शन देने का कार्य सराहनीय है।

मुख्यमंत्री  चौहान आज दो दिवसीय स्टार्टअप एक्सपो-2022 के शुभारंभ-सत्र को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री  फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित थे। यह एक्सपो मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैनिट भोपाल के इण्टरप्रेन्योरशिप सेल द्वारा आयोजित किया गया। मैनिट के विद्यार्थियों, देश-विदेश के उद्यमियों, निवेशकों और प्रमोटर्स को जोड़ने के लिए यह सेल बनाया गया है।

मनुष्य के लिए कोई कार्य असंभव नहीं

मुख्यमंत्री  चौहान ने युवाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मैंने बचपन में एक कविता पढ़ी थी– “तू जो चाहे पर्वत, पहाड़ों को तोड़ दे, तू जो चाहे नदियों के मुँह को भी मोड़ दे, तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे, अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान, तेरी आत्मा में स्वयं भगवान है, मनुष्य तो बड़ा महान है।“ मुख्यमंत्री ने कहा कि इन काव्य पंक्तियों में यह भाव समाहित है कि यदि हम कोई बात ठान लें और एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें, साथ ही परिश्रम की पराकाष्ठा और प्रयत्नों की परिसीमा करें तो ब्रह्माण्ड पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था कि "भारत माता एक बार फिर से आँखें खोल रही हैं, महानिशा का अंत निकट है। मैं ये देख रहा हूँ कि भारत फिर से एक बार अंगड़ाई लेकर खड़ा हो रहा है और विश्व गुरु के पद पर अधिष्ठित हो रहा है।'' मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि हमारे यहाँ प्रतिभाओं की कमी कभी नहीं रही। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में आज नहीं हजारों साल पहले भी भारत ने बहुत कुछ दिया है। जीरो के बारे में सभी लोग जानते हैं। हमारा बहुत गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत के विकास के फिर से स्वर्णिम युग आया है। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहाँ वेदों की ऋचाएँ रच दी गई थी। तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्विद्यालय हजारों साल पहले भारत में विद्यमान थे, जिसमें पढ़ने दुनियाभर के छात्र आते थे।

भारत बना रहा यूनिकार्न की सेंचुरी, मध्यप्रदेश में बनेगी स्टार्टअप राजधानी

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि हम मध्यप्रदेश को स्टार्टअप हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए कोई सुझाव हो, तो युवा साझा करें। इंदौर के युवा चाहते हैं कि इंदौर को स्टार्टअप की राजधानी बनाया जाए। भोपाल भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। इस साल मध्यप्रदेश में स्थापित स्टार्टअप में से कम से कम दो स्टार्टअप को यूनिकार्न स्टार्टअप का दर्जा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। एक बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट वैल्यू से यूनिकार्न बनते हैं। देश में इस समय 80 से अधिक यूनिकार्न बन गए हैं और हमारा देश शीघ्र इसकी सेंचुरी की तरफ बढ़ रहा है। एक कदम आगे बढ़ते हुए डेकाकार्न कंपनियाँ भी स्थापित होने लगी हैं। डेकाकार्न 10 बिलियन डॉलर से अधिक की मार्केट वैल्यू से संभव होता है। राज्य सरकार युवाओं की हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहाकि इंदौर के बच्चों के स्टार्टअप को देख कर आश्चर्य होता है। उनके स्टार्टअप कमाल कर रहे हैं। कोई 700-800 करोड़, तो कोई 2 हजार करोड़ रुपए की कंपनी बना चुके हैं। जब इंदौर में यह संभव हो सकता है तो प्रदेश के अन्य नगरों के युवा भी ऐसा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि गत 26 जनवरी को उन्होंने इंदौर में स्टार्टअप समिट में यह अनुभव किया कि युवाओं में असीम संभावनाएँ हैं। प्रदेश में छोटे-छोटे शहरों और कस्बों के साधारण परिवारों के बच्चे नये आयडियाज पर कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप इको सिस्टम बनाने के लिए ऐसे ही आयडियाज के साथ इनोवेट, इनवेस्ट और इन्क्यूबेट को जरूरी माना गया है।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि युवाओं को बड़ा सपना देखना चाहिए। बड़े सपने ही उसे सच करने के संकल्प को बल देते हैं। मध्यप्रदेश में लगभग 1800 स्टार्टअप स्थापित हो चुके हैं। इसमें उल्लेखनीय यह है कि इनमें 40 प्रतिशत हमारी बेटियों और बहनों ने स्थापित किए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी बचपन से इनोवेट करने पर जोर देती है। देश में अटल टिंकरिंग लैब्स इसी उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं। यह युवाओं में जिज्ञासा, रचनात्मकता और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देने में मदद कर रही है। मध्यप्रदेश में सी.एम. राईज स्कूल भी इनोवेशन को बढ़ावा देने में उपयोगी होंगे। सभी सुविधाओं से सज्जित इन स्कूलों का लाभ युवाओं को मिलेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए जा रहे हैं। अभी मध्यप्रदेश में इनकी संख्या 35 है। भारत सरकार के सहयोग से ग्वालियर में 300 विद्यार्थियों की क्षमता का केन्द्र स्थापित किया गया है। साथ ही प्रदेश के बड़े नगरों में आय.टी. पार्क स्थापित हो गए हैं।

5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का लक्ष्य

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी ने इनोवेट फॉर इंडिया- इनोवेट फ्रॉम इंडिया का मंत्र दिया है। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2014-15 ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 81वें स्थान पर था और अब हम 46वें नंबर पर आ गए हैं। प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है। इसमें हर राज्य को अपना योगदान देना होगा और स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली भारत का निर्माण हो रहा है।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक जिला एक उत्पाद के माध्यम से लोकल को वोकल बनाने का अभियान संचालित है। इसमें स्टार्टअप केलिए भी व्यापक संभावनाएँ हैं। कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक कृषि के साथ कृषि निर्यात के लिए नए आयडियाज के साथ स्टार्टअप के लिए मध्यप्रदेश सरकार युवाओं को पूरी मदद करेगी। सचिव सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम  पी. नरहरि, मैनिट भोपाल के डायरेक्टर प्रो. एन.एस. रघुवंशी, डॉ. अखिलेश बर्वे आदि उपस्थित थे।

 

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