भोपालमध्य प्रदेश

इंजीनियरों को प्रशिक्षित ठेकेदार बनाएगी सरकार, कॉलेज देंगे ट्रेनिंग

भोपाल
प्रदेश के युवा इंजीनियरों को अब सरकार प्रशिक्षण देकर कुशल ठेकेदार बनाएगी। इसके लिए राज्य के इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों के प्राध्यापकों और विषय विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी। इस दिशा में कार्ययोजना बनने लगी है।

प्रदेश के निर्माण विभागों में होने वाले कामों की गुणवत्ता में अभी भी कमी की शिकायतें आती रहती है। जो ठेकेदार है वे कमजोर गुणवत्ता के काम करते है। इसलिए अब राज्य सरकार प्रशिक्षित ठेकेदार तैयार करेगी। युवा इंजीनियर योजना के तहत जिन युवाओं को ठेकेदार बनना है  उनको प्रोत्साहन देने के लिए भी सरकार योजना बना रही है।  जो पढ़े लिखे युवा इंजीनियर ठेकेदार बनना चाहते है उन्हें सरकार इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों की मदद से प्रशिक्षण देगी। इन कॉलेजों के प्राध्यापकों और कुशल इंजीनियरों तथा विशेषज्ञों की मदद से राज्य सरकार बेरोजगार इंजीनियरों को कुशल ठेकेदार बनाएगी।

 प्रदेश में व्यापक पैमाने पर सड़कों, पुल-पुलियाओं, ओवर ब्रिज, फ्लाईओवर, भवनों, सीवरेज लाइन, पेयजल और कच्चे पानी की लाइनें, नहरें, बिजली की लाइनों, रेलवे लाइनों, बांधों, जलाशयों, नलजल योजना सहित कई तरह के अधासंरचना से जुड़े काम किए जा रहे है। इन सभी कामों के लिए बाजार में बेहतर गुणवत्ता की सामग्री किस लागत पर उपलब्ध है। किस काम में मजदूरी पर कितना खर्च आएगा। किस काम को कराने के लिए कितनी लागत आएगी। कामों के बेहतर प्रबंधन, समय पर काम कैसे हो। किस काम में कितना अमला लगेगा। इसका कैसे प्रबंधन और उपयोग किया जाए तथा कैसे यह सारा काम कराते हुए प्रदेश में अधोसंरचना से जुड़े कामों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराया जाए यह सब इन युवा इंजीनियरों को सिखाया जाएगा।

कॉलेज देंगे ट्रेनिंग
प्रदेश के इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेज इन युवा इंजीनियरों को कुशल ठेकेदार बनने का प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए योजनाएं बनाने, डीपीआर तैयार करने, गुणवत्तापूर्ण निर्माण करने , लागत आंकलन और बेहतर तरीके से मजबूती के साथ काम किस तरह से किया जाए इसके लिए कॉलेजों में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। कॉलेजों के प्राध्यापक, विषय विशेषज्ञ भी युवा इंजीनियरों को यह प्रशिक्षण देंगे। लोक निर्माण विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग आपस में समन्वय कर इस प्रशिक्षण योजना को अंतिम रूप देंगे। प्रशिक्षण के इच्छुक युवा इंजीनियरों को प्रशिक्षण के लिए पहले पंजीयन कराना होगा। फिर उपलब्ध स्थानों के अनुसार युवाओं को चरणबद्ध रुप से प्रशिक्षित किया जाएगा।

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