उज्जैन में प्रोफेसर का फंदे पर झूलता मिला शव
उज्जैन
उज्जैन में इंजीनियरिंग कॉलेज के एक प्रोफेसर ने गुरुद्वारे के एक कमरे में आत्महत्या कर ली। सिख युवक ने फांसी लगाने से पहले अपने दोनों हाथों की नसें भी काट ली थीं। जिसकी वजह से पूरे कमरे में खून बिखरा मिला। बताया जा रहा है कि युवक नौकरी चले जाने के कारण तनाव में था। देवास गेट पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा। मृतक का नाम कमल जीत है और वो शादीशुदा था। देवास में मत्था टेक कर अपनी दोपहिया गाड़ी से उज्जैन पहुंचा था।
सोमवार को शहर के दूध तलाई क्षेत्र स्थित गुरुद्वारे में लाश होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने गुरद्वारे में कमरे का दरवाजा तोड़ा तो युवक की लाश मिली। देवास गेट थाना प्रभारी राम मूर्ति शाक्य ने बताया की देवास के मिश्रीलाल नगर में रहने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर कमल जीत सिंह (39) की कुछ दिन पहले ही नौकरी छूट गई थी, शायद इसी वजह से तनाव में आकर उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
रविवार शाम कमरा लिया, सुबह तक बाहर नहीं निकला
युवक ने रविवार शाम सात बजे गुरुद्वारे में कमरा लिया था। सुबह 8 बजे तक जब प्रोफेसर बाहर नहीं आए तो गुरुद्वारे का सेवक उन्हें जगाने पहुंचा। जब प्रोफेसर ने दरवाजा नहीं खोला तो सेवक ने खिड़की से अंदर झांका तो वे फंदे पर लटके थे। सूचना मिलने पर उज्जैन पहुंचे परिजनों को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव सुपुर्द कर दिया। वह स्कूटर से यहां आया था व गुरुद्वारे में यह बताकर कमरा लिया था कि वह ग्वालियर से आया है और उसे सुबह आठ बजे भोपाल जाना है।
पहले भी किया सुसाइड अटेम्प्ट
एक महीने पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश देवासगेट थाना प्रभारी राममूर्ति शाक्य ने बताया कि कुछ समय पहले कमलजीत सिंह की नौकरी चली गई। इस वजह से वह बहुत अधिक डिप्रेशन में आ गए थे। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। प्रारंभिक जांच में तनाव के चलते आत्महत्या की जाना सामने आई है, जांच की जा रही है। यहां आए जीजा से पता चला कि करीब एक महीने पहले भी प्रोफेसर ने हाथ की नस काट आत्महत्या की कोशिश की थी, तब घरवालों ने देख लिया तो उनकी जान बचा ली थी।