भोपालमध्य प्रदेश

जिन रास्तों से आ रहा बाघ, उनकी नहीं हो पा रही है पहचान

भोपाल
कोलार के स्वर्ण जयंती पार्क, वाल्मी और भोजमुक्त विश्वविद्यालय में मिले पगमार्ग और तस्वीरों के आधार पर वन विभाग बाघ और तेंदुए के रास्तों की ट्रैकिंग कर रहा है। ताकि इन वन्य प्राणियों से नागरिकों की सुरक्षा की जा सके। जीपीएस ट्रैगिंग में यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह वन्य प्राणी किस रास्ते से आते हैं और किस रास्ते से जाते हैं।

डीएफओ आलोक पाठक का कहना हैं कि एक बार यह रास्ता स्पष्ट हो जाए तो बड़े इलाके में बाड़बंदी जैसे प्रयास करने के बजाए इन्हीं रास्तों को बंद करके टकराव की आशंका को लगभग खत्म कर दिया जाएगा। वन विभाग ने पिछले दिनों बाघ की सर्चिंग के साथ पगमार्ग, सीसीटीवी फुटेज और अन्य माध्यमों से प्रत्येक जगह की जीपीएस लोकेशन ट्रेस करते हुए वन्य प्राणियों का संभावित रास्ता तय किया था। इन लोकेशंस को इलाके के मैप पर जोड़कर ट्रैक तैयार किया जाएगा।

ञात हो कि स्वर्ण जयंती पार्क में तेंदुए की मौजूदी पर वन विभाग ने सीपीए को सुझाव दिया था कि पार्क के बगल में जो कलियासोत बहाव क्षेत्र है। इसमें जाली लगाकर  संभावित रास्ता रोका जाए। यहीं स्थिति भोज विवि में है। विभाग ने विवि में है। विभाग ने विवि को संभावित रास्तों के साथ इस जलबहाव क्षेत्र में जाली लगाने की सलाह दी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button