भोपालमध्य प्रदेश

प्रदेश में 4 लाख से अधिक शिक्षक अप्रैल में करेंगे आंदोलन

भोपाल
 मध्य प्रदेश के दो लाख 85 हजार शिक्षक, डेढ़ लाख संविदाकर्मी और 48 हजार स्थायीकर्मी अंशदाई पेंशन 'नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस)’ के खिलाफ हैं और पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर पिछले डेढ़ साल से आंदोलन कर रहे हैं। जब सरकार ने मांग पर ध्यान नहीं दिया, तो शिक्षकों ने मनोकामना यात्रा निकाली। इसका समापन 25 दिसंबर 2021 को भोपाल में होना था, पर सरकार ने सख्ती से इसे रोक दिया। इससे शिक्षकों की नाराजगी बढ़ गई और अब वे अप्रैल में बड़े आंदोलन की तैयारी जुट गए हैं। जिलों में बैठकों को दौर शुरू हो चुका है। शिक्षकों ने तय किया है कि इस बार अनुनय-विनय नहीं, ताल ठोंककर मैदान में उतरेंगे। उधर, राजधानी में स्थाईकर्मियों का प्रदर्शन 76 दिन से चल रहा है। वर्ष 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को सरकार अंशदाई पेंशन दे रही है।

इसमें कर्मचारी के मूलवेतन से 10 प्रतिशत राशि काटकर पेंशन खाते में जमा कराई जाती है और 14 प्रतिशत राशि सरकार मिलाती है। कर्मचारियों का कहना है कि इसका उन्हें कोई लाभ नहीं है। जो राशि जमा होती है, उसमें से 50 प्रतिशत सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त मिल जाती है और शेष 50 प्रतिशत राशि से पेंशन दी जाती है। पिछले दो सालों में सेवानिवृत्त हुए कई शिक्षकों को पेंशन ही नहीं मिल रही है क्योंकि उनके खाते में पेंशन देने लायक राशि ही इकठ्ठा नहीं हुई। जबकि, अन्य शिक्षकों को पांच सौ से तीन हजार रुपये महीना ही पेंशन मिल रही है। शिक्षकों का कहना है कि इस राशि से परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।

शिक्षकों ने प्रदेशभर में ज्ञापन सौंपे

आजाद अध्यापक-शिक्षक संघ ने रविवार को प्रदेशभर में सांसद, विधायकों को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है। जिसमें पुरानी पेंशन बहाली के साथ क्रमोन्नति-समयमान वेतनमान, गुरुजी संवर्ग से आए अध्यापकों को वरिष्ठता का लाभ, वरिष्ठता सूची जारी कर शिक्षकों को पदोन्नत करने, केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता, वेतन विसंगति में सुधार सहित अन्य मांगें शामिल है।

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