प्रदेश में पर्यटक स्थलों पर बच्चों के भीख मांगने पर लगेगी सख्ती से रोक
भोपाल
प्रदेश की धार्मिक और पर्यटन नगरी ओंकारेश्वर, उज्जैन, महेश्वर सहित अन्य में बच्चों को भीख मांगने पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। इसके लिए इन नगरों में सतर्कता दल गठित किए जाएंगे, जो भीख मांगने वाले बच्चों की काउंसलिंग और उन्हें इस दलदल से बाहर निकालने में मदद करेंगे। इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि बच्चे किसी मजबूरी में तो भीख नहीं मांग रहे हैं। इसमें जिला विधिक प्राधिकरण की मदद भी ली जाएगी। इतना ही नहीं, जिले के अधिकारियों को 'माइ डिस्ट्रिक इज क्लीन आफ स्ट्रीट चाइल्ड" लिखकर देना होगा।
प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन नगरों में भिखारी बड़ी संख्या में हैं। लगभग हर मंदिर या प्रसिद्ध स्थल के बाहर भिखारी मिल जाएंगे। इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा होती है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने संबंधित जिलों में जिला कार्यक्रम अधिकारी और संयुक्त संचालकों को ऐसे नगरों में भीख मांगने वाले बच्चों को खोजने की जिम्मेदारी सौंपी है।
इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह ने हाल ही में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंस में मैदानी अधिकारियों को भीख मांगने वाले बच्चों की तलाश करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों से लिखित में मांगा है कि उनके जिले में भीख मांगने वाले बच्चे नहीं हैं। अधिकारी अब अपने स्तर पर दल गठित कर भीख मांगने वाले बच्चों तक पहुंचेंगे। उनकी मजबूरी देखेंगे और रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार ऐसे बच्चों को लेकर निर्णय लेगी।
प्रदेश की छवि सुधारने की कवायद
यह मशक्कत खासकर प्रदेश की छवि सुधारने के लिए की जा रही है। दरअसल, प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन नगरों में दूसरे प्रदेश और देश से लोग आते हैं। बच्चे जब उनसे भीख मांगते हैं, तो प्रदेश की छवि खराब होती है। इसे देखते हुए विभाग ने यह कदम उठाया है।
इन स्थानों पर रहेगा विशेष फोकस
उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, चित्रकूट, मैहर, मांडू, ओरछा, ग्वालियर, खजुराहो आदि पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। क्योंकि इनमें से ज्यादातर स्थानों पर विदेशों से भी पर्यटक आते हैं।