MBBS : विदेश से डॉक्टरी पढ़ने पर भारत में भी इंटर्नशिप जरूरी, भारतीय एमबीबीएस के बराबर हो डिग्री
नई दिल्ली
सरकार ने विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के लिए नियम कड़े कर दिए हैं। विदेश से डिग्री लेने वालों को दो बार एक-एक साल की इंटर्नशिप करनी जरूरी होगी। एक बार विदेश में और दूसरी बार भारत आकर। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने मंगलवार को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिएट रेगुलेशन 2021 के नियम जारी करते हुए कहा कि 18 नवंबर, 2021 के बाद विदेश गए छात्र इन्हीं नियमों के तहत विनियमित होंगे। विदेश से की गई उसी मेडिकल डिग्री को मान्यता होगी जो भारतीय एमबीबीएस डिग्री के समतुल्य होगी। उसकी अवधि 54 महीने होनी अनिवार्य है। उसके बाद छात्रों को उस देश में प्रैक्ट्रिस के लिए पंजीकरण कराना भी अनिवार्य होगा। यदि वे भारत में डॉक्टरी करना चाहते हैं तो प्रस्तावित नेशनल एग्जिट टेस्ट पास करना होगा।
अंग्रेजी में पढ़ाई करने पर ही एग्जिट टेस्ट की इजाजत
नए नियमों के अनुसार,अंग्रेजी के अलावा अन्य विदेशी भाषाओं में ली गई मेडिकल की डिग्री देश में मान्य नहीं होगी। उन्हीं छात्रों को देश में एग्जिट टेस्ट में बैठने की अनुमति होगी जिनकी पढ़ाई अंग्रेजी में हुई हो। रूस, चीन समेत कई देशों में स्थानीय भाषाओं में ही पढ़ाई हो रही है।