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गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की तलाश में जुटी मोदी सरकार, 50 हजार ‘हीरोज’ के दस्तावेज होंगे तैयार

 नई दिल्ली।

आजादी की लड़ाई में कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने हिस्सा लिया था? इस प्रश्न का जवाब आसान नहीं है। क्योंकि, हम स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले ऐसे हजारों सेनानियों का नाम तक नहीं जानते हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत केंद्र सरकार अब इन गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों 'अनसंग हीरोज' को तलाश रही है। ताकि, देशवासी उनके योगदान के बारे में जान सके।

इन 'अनसंग हीरोज' को तलाशने के लिए संस्कृति मंत्रालय देश भर के विश्वविद्यालयों के इतिहास विभाग की मदद लेने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम राज्यों के विश्वविद्यालयों के इतिहास विभागों से संपर्क कर रहे हैं। कोई व्यक्ति 'अनसंग हीरोज' के बारे में कुछ भेजना चाहता है, तो इतिहास विभाग उसकी जांच कर अपनी मुहर के साथ उस जानकारी को मंत्रालय को भेज सकता है। इस तरह मंत्रालय को प्रमाणिक रूप से जानकारी मिल सकती है।

इसके साथ मंत्रालय उन इतिहासकारों को भी अनुदान देगा, जो कम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों पर संकलन के लिए अपने साथ दो या तीन शोध सहयोगियों को शामिल करेगा। दरअसल, मंत्रालय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े लोगों, घटनाओं और स्थानों की कहानियों को खोजकर उनका दस्तावेजीकरण करना चाहती है। आजादी के अमृत महोत्सव की वेबसाइट पर 'अनसंग हीरोज' के पेज को विकिपीडिया की तरह ओपन सोर्स करना चाहती है। ताकि, कोई भी व्यक्ति या संस्था जानकारी जोड़ सके या हटा सके। किसी को संपादित करने का अधिकार देने से पहले मंत्रालय उस व्यक्ति की पूरी जांच करेगा।
 

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि अगरे तीन-चार माह में कम से कम पचास हजार 'अनसंग हीरोज' की तलाश की जाए। इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों के जिला अधिकारियों को स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विरासत स्थलों व स्थानों का विवरण भेजने के कहा था, जो अज्ञात रहे हैं। स्वतंत्रता आंदोलन की किताबों में उनका कोई उल्लेख नहीं मिलता है। मंत्रालय ने आजादी के अमृत महोत्सव की वेबसाइट पर ऐसे सैकड़ों 'अनसंग हीरोज' के बारे में जानकारी अपलोड़ की है। इस सूची में लगातार नए नाम जोड़े जा रहे हैं।

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