श्रीशिव महापुराण के आयोजन में सेवाएं दे रहे हैं आरएसएस के स्वयं सेवक
सीहोर सहित जिलेभर के अन्य खंडों से आकर कर रहे लोगों की सेवा

सीहोर। जिला मुख्यालय के नजदीकी चितावलिया हेमा में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की श्रीशिव महापुराण एवं रूद्राक्ष महोत्सव में सैकड़ों की तादाद मेें आरएसएस के स्वयं सेवक भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये स्वयं सेवक सीहोर सहित जिलेभर के अन्य खंडों से आकर यहां पर तैनात हैं। इस दौरान यहां मौजूद हजारों की तादाद में श्रद्धालु-भक्तोें को भोजन व्यवस्था, पानी व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण सहित अन्य प्रमुख कार्योें में आरएसएस के स्वयं सेवक जुटे हुए हैं।
चितावलिया हेमा स्थित कुबेेरेश्वर धाम पर शिव महापुराण का आयोजन चल रहा है। इसमें हजारोें की तादाद में हरदिन श्रद्धालु-भक्त पहुंच रहे हैं। आयोजन के पहले ही दिन लाखों की तादाद में भक्त यहां पहुंचे थे। इसके बाद आयोजन को निरस्त भी करना पड़ा, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा यहां की व्यवस्थाओं कोे संभालने के बाद आरएसएस के स्वयं सेवकों ने भी यहां पर मोर्चा संभाला। हर दिन अलग-अलग खंडों के स्वयं सेेवकों द्वारा यहां पर आकर सेवाएं दी जा रही हैं।
शिव महापुराण में बताई भगवान गणेश की लीलाएं, फुलेरा दूज का महत्व-
चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में शिव महापुराण की कथा आयोजित की जा रही है। कथा के पांचवें दिन फुलेरा दूज के अवसर पर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करने वाले धतूरा बाजार में ही खत्म हो गया। जिस धतूरे की कीमत आम दिनों में प्रति नग 2 रुपए होती थी। वह बाजार में शुक्रवार को 20 रुपए देने के बाद भी श्रद्धालुओं को नहीं मिला। इसके अलावा शहर के शिवालयों में हजारों की संख्या में महिलाओं ने भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में विशेष रूप से पूजा-अर्चना की। शिव महापुराण में शुक्रवार को भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने फुलेरा दूज के बारे में विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि शिवभक्त अपने भोले को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने का हर जतन करते हैं। इसमें पूजा और जलाभिषेक सर्वाेपरि है। पूजा में भगवान शिव को चढ़ने वाली वस्तुओं में धतूरा की बड़ी महिमा बताई गई है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव को एक धतूरा चढ़ाने का महत्व तरह-तरह के लाभ होते हैं। फुलेरा दूज पर धतूरा चढ़ाकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यही वह जन्म है, जिसमें इंसान जो चाहे पा सकता है। हम बगैर मुहूर्त के जन्म लेते हैं और बगैर मुहूर्त के हमारी मृत्यु भी हो जाएगी। इसके बाद भी हम अपना समस्त जीवन बिना लक्ष्य के ही काट देते हैं। जब तक शिव की कृपा नहीं होती, तब तक जीवन में सफलता नहीं मिलती है।
ऑनलाइन चल रही कथा, लेकिन पंडाल भी फुल-
चितावलिया हेमा में जारी शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन भी श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ रही। कथा का ऑनलाइन प्रसारण भी किया जा रहा है। देशभर व विदेश में भी भक्त कथा ऑनलाइन प्रसारण के माध्यम से सुन रहे हैं। इसके अलावा पंडाल में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु बैठकर कथा का श्रवण कर धर्मलाभ ले रहे हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से शाम तक रहती है।
अच्छाई और बुराई आपके भीतर है-
कथा सुनाते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि एक बार गुरु ने युधिष्ठिर को कहा पांच गांव जाकर बुरे लोगों की लिस्ट बनाओ। दुर्याेधन को भी उन्हीं पांच गांव जाकर अच्छे लोगों की लिस्ट बनाने को कहा, लेकिन दोनों खाली हाथ ही आए। युधिष्ठिर के भीतर अच्छाई थी, तो वह बुराई नहीं देख पाया और दुर्याेधन के भीतर बुराई थी तो वह अच्छाई नहीं देख पाया। अच्छाई-बुराई शांति-अशांति बाहर से भीतर नहीं, बल्कि भीतर से बाहर की तरफ जाती है। जीवन में जो घटता है उसके जिम्मेदार हम खुद ही होते हैं। अशांति पहले भीतर है, तभी बाहर कोई व्यक्ति उसको प्रकट कर सकता है, लेकिन यदि भीतर शांति है तो सारा जगत मिलकर भी मुझे अशांत नहीं कर सकता।
समिति करेगी दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल वितरित-
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि शनिवार को शिव महापुराण के छठवे दिन भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, महिला समूह को सिलाई मशीन के अलावा आधा दर्जन जरूरतमंद विद्यार्थियों की एक साल की फीस का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा शिव महापुराण के दौरान भगवान गणेश के विवाह का प्रसंग का वर्णन भी किया जाएगा।