स्थापना से अब तक अटकी 20 हजार इंजीनियरिंग की डिग्रियां, RGPV बांटेगा डिप्लोमा और सर्टिफिकेट

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना से अब तक करीब बीस हजार विद्यार्थी प्रवेश लेकर अभी तक अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाए हैं। ऐसे अनफिट विद्यािर्थयों को डिप्लोमा और सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था आरजीपीवी जमा रहा है। इसके लिये उन्हें अपने छूटे हुये कोर्स की 100 घंटे की आनलाइन क्लासेस करना होगी। इसके लिये उन्हें कोई शुल्क भी नहीं देना होगा।
प्रदेश में आरजीपीवी को स्थापित हुये तीस साल से ज्यादा का समय हो गया है। इसमें करीब बीस हजार विद्यार्थी ऐसे हैं, जो अपनी आठ साल की समय अवधि में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी नहीं कर सके हैं। इसमें साठ फीसदी से ज्यादा विद्यार्थी बिना डिग्री के बेरोजगारी के मार झेल रहे हैं। इसके अलावा तीस फीसदी विद्यार्थी दूसरी डिग्री व डिप्लोमा के आधार पर नौकरी कर रहे हैं।
ऐसे बीस हजार विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उन्हें डिप्लोमा या सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था बनाई जा रही है। एआईसीटीई ने आगामी सत्र 2022-23 की गाइडलाइन तैयार कर रहा हैं। इसमें ऐसे अनफिट विद्यार्थियों को डिप्लोमा और सर्टिफिकेट देगा। इसमें उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिये संबंधित विवि पूरी व्यवस्था जमाएंगे। आरजीपीवी ने साल दर साल के अनफिट विद्यार्थियों की सूची तैयार कर ली है। इसमें ऐसे विद्यार्थियों की छानबीन चल रही है कि तृतीय वर्ष में उत्तीर्ण विद्यार्थी को डिप्लोमा और द्वितीय वर्ष उत्तीर्ण विद्यार्थी को संबंधित ब्रांच में सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
एम1 व एम2 की समस्या
बीस हजार विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा संख्या प्रथम व द्वितीय वर्ष में एम1 और एम2 में फेल की है। जबकि उन्हें अपनी ब्रांच के दूसरे पेपर में अच्छे अंक और ग्रेड हासिल है। सिर्फ कुछ पेपर के कारण उनके आठ साल बर्बाद हुये हैं। इसके कारण उन्हें डिग्री तक नहीं मिल सकी है। ऐसे विद्यार्थियों की डिप्लोमा और सर्टिफिकेट में जरुरत होने पर आनलाइन क्लासेस कराई जाएंगी। इसके लिये उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिये उन्हें आरजीपीवी व राज्य के किसी भी कालेज सा इंस्टीट्यूटशन तक नहीं जाना होगा।