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सरकारी के बराबर होगी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर फीस

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री कार्यालय ने आज एक बयान में कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर 50 प्रतिशत सीटों की फीस वसूलने के फैसले से 'गरीब और मध्यम वर्ग' को फायदा होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ''कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा। हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी।''

निजी मेडिकल कॉलेज में 50 प्रतिशत सीट के लिए फीस संबंधी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के दिशा-निर्देश अगले अकादमिक सत्र से प्रभावी होंगे। एनएमसी के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि निजी मेडिकल कॉलेज और मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीट के लिए उतनी ही फीस ली जानी चाहिए, जितनी की संबंधित राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा वसूली जा रही है।

प्रत्येक राज्य की फीस निर्धारण समिति द्वारा अपने अधिकारक्षेत्र में आने वाले मेडिकल कॉलेज में इन दिशा-निर्देश को अनिवार्य रूप से लागू करवाना होगा।
एनएमसी ने गत तीन फरवरी को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया था, जिसमें निजी मेडिकल कॉलेज और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीट के लिए संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस वसूले जाने के फैसले की जानकारी दी गई थी।

किसे मिलेगा फायदा
नए फीस स्ट्रक्चर का फायदा पहले उन स्टूडेंट्स को दिया जाएगा जिनका एडमिशन सरकारी कोटे की सीट पर होगा। हालांकि यह किसी भी संस्थान की कुल सीटों में से अधिकतम 50 फीसदी सीटों की संख्या तक सीमित रहेगा। लेकिन अगर सरकारी कोटे की सीटें कुल स्वीकृत सीटों के 50 प्रतिशत से कम हैं, तो उन छात्रों को भी फायदा मिलेगा जिनका एडमिशन सरकारी कोटे से बाहर लेकिन संस्थान की 50 फीसदी सीटों में हुआ है, लेकिन यहां एडमिशन मेरिट के आधार पर होगा।

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