भोपालमध्य प्रदेश

सिद्धनाथ मंदिर ओंकारेश्वर की थीम पर बनेगा समारोह का मुख्य मंच

भोपाल

तानसेन समारोह-2021

भारतीय शास्त्रीय संगीत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” के मुख्य मंच की थीम तय हो गई है। इस बार ओंकारेश्वर स्थित सिद्धनाथ मंदिर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर बैठकर ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। राज्य शासन के संस्कृति विभाग से जुड़े उस्ताद अलाउद्दीन की संगीत कला अकादमी एवं मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में हर साल आयोजित होने वाले तानसेन समारोह के मुख्य मंच की पृष्ठभूमि में भारतीय वास्तुकला के इस ऐतिहासिक स्मारक को प्रदर्शित किया जाता है। इसी कड़ी में इस साल के समारोह के मुख्य मंच की पृष्ठभूमि के लिये सिद्धनाथ मंदिर ओंकारेश्वर का चयन किया गया है।

वास्तुकला की दृष्टि से सिद्धनाथ मंदिर काफी प्रभावशाली है। भगवान भोले की नगरी ओंकारेश्वर में यह मंदिर एक द्वीप के पठारी भाग में स्थित है। इसे एक विशाल चबूतरे से आधार दिया गया है। जिसके चारों ओर विभिन्न मुद्राओं में बहुत से हाथियों की मूर्तियाँ खूबसूरती के साथ गढ़ी गई हैं। मंदिर के अंदर जाने के लिये चारों ओर से प्रवेश की व्यवस्था है। साथ ही एक भव्य सभा मण्डप भी बना हुआ है। हर सभा मण्डप में पत्थर से बने हुए 14 फीट ऊँचाई के 18 खम्बे बने हैं और उन पर मनोहारी कलाकृतियाँ भी बनी हुई हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है जब यह मंदिर अपने सही और पूर्ण रूप में होगा तो कितना भव्य और सुंदर दिखता होगा। मुगल शासक औरंगजेब ने खजाने की खोज में इस मंदिर को खंडित कर दिया था।

समारोह में 9 संगीत सभाएँ होंगीं

तानसेन समारोह की पूर्व संध्या यानि 25 दिसम्बर को हजीरा चौराहे के समीप स्थित इंटक मैदान में उप शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम पूर्वरंग “गमक” होगा। समारोह के तहत पारंपरिक तौर पर 26 दिसम्बर की सुबह तानसेन समाधि स्थल पर हरिकथा, मिलाद, शहनाई वादन और चादरपोशी होगी। शाम को 6 बजे तानसेन शुभारंभ समारोह और पहली संगीत सभाएँ होगी। इस बार के समारोह में कुल 9 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभाएँ सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर होगी। समारोह की आठवीं सभा 30 दिसम्बर को सुर सम्राट तानसेन की जन्म-स्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे और नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा ग्वालियर किले पर होगी। प्रात:कालीन सभा हर दिन प्रात: 10 बजे और सांध्यकालीन सभा सायंकाल 6 बजे शुरू होंगी।

 

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