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कुबेरेश्वर धाम में गुड़ी पड़वां से रुद्राक्षों का वितरण शुरू, 6 माह में 11 लाख से अधिक किया जाएगा वितरण

भक्तों की सुविधा के लिए एक दर्जन से अधिक बनाए काउंटर, सुबह 10 से शाम चार बजे तक मिल सकेंगे रुद्राक्ष

सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वर धाम पर गुड़ी पड़वां से अभिमंत्रित रुद्राक्षों का वितरण शुरू किया गया। पहले दिन सैकड़ों युवाओं सहित अन्य भक्तों ने अपनी आईडी दिखाकर रुद्राक्ष लिए। रुद्राक्षों का वितरण प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा। इसके लिए एक दर्जन से अधिक काउंटर बनाए गए हैं, जहां पर संबंधित व्यक्ति को अपनी आईडी दिखानी होगी। इसके बाद ही उन्हें रुद्राक्ष उपलब्ध कराया जाएगा। ये रुद्राक्ष पूरी तरह नि:शुल्क रहेंगे।
पंडित प्रदीप मिश्रा के चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वर महादेव मंदिर पर रुद्राक्ष महोत्सव के आयोजन के दौरान रुद्राक्ष वितरण नहीं किए गए थे। अधिक भीड़ होने के कारण प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने उस समय व्यास पीठ से घोषणा की थी कि जल्द ही रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। अब गुड़ी पड़वां से रुद्राक्ष वितरण शुरू किया गया है। अब लगातार छह माह तक 11 लाख से अधिक रुद्राक्षों का किया जाएगा वितरण
विधि-विधान से पूजा के बाद हुआ वितरण शुरू-
नूतन वर्ष चैत्र नवरात्रि के पहले दिन जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निमार्णाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में सुबह आठ बजे पूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद अपनी घोषणा के अनुसार रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम शुरू किया गया। रुद्राक्ष वितरण के पहले ही दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर अपनी आईडी दिखाकर नि:शुल्क रूप से पूरी आस्था और उत्साह के साथ अभिमंत्रित रुद्राक्ष ग्रहण किया। इस संबंध में विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि शनिवार से निमार्णाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राक्ष वितरण का क्रम आरंभ हो गया है। करीब 11 लाख से अधिक अभिमंत्रित रुद्राक्षों का वितरण लगातार छह माह तक किया जाएगा।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने की अपील-
इस मौके पर भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि समिति के द्वारा रुद्राक्ष वितरण का क्रम आरंभ हो गया है। कृपया भीड़-भाड़ न करें और पूरी आस्था के साथ क्रमानुसार अपना रुद्राक्ष लें। रुद्राक्ष नि:शुल्क रूप से दिया जा रहा है। समिति द्वारा एक दर्जन से अधिक काउंटर बनाए गए हैं। लगातार छह माह तक मंदिर में बनाए काउंटरों से सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक मुखी से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष होते हैं। भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। रुद्राक्ष यानी रुद्र का अक्ष जिन्हें आंसू कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है। रुद्राक्ष के ऐसे तो कई फायदे हैं, लेकिन रुद्राक्ष को लेकर यह भी धारणा है कि मंत्र जाप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष को सबसे उत्तम बताया गया है। बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि रुद्राक्ष को धारण कर शनि दोष को दूर किया जा सकता है। रुद्राक्ष के कुछ खास उपाय से कुंडली में मौजूद शनि के अशुभ योग भी खत्म हो जाते हैं।
शिव महापुराण में किया गया था अभिमंत्रित-
गत दिनों हुए भव्य रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान इन रुद्राक्षों को विशेष मंत्रों के द्वारा अभिमंत्रित किया गया था। अब इनका वितरण पूर्ण विधि-विधान से किया जा रहा है। समिति ने सभी श्रद्धालुओं से शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए रुद्राक्ष लेने की अपील की है, जिससे किसी को कठिनाई न हो।

 

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