राजनीतिक

सत्ता में ‘दिलचस्पी’ नहीं है राहुल गांधी को, बोले- यह बड़ी अजीब बीमारी है

नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सभी संस्थान आरएसएस के कब्जे में हैं। उन्होंने चुनावों को लेकर भी चर्चा की। हाल ही में उन्होंने वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव से मुलाकात की थी। उस दौरान भी उन्होंने आरएसएस विरोधियों से एकजुट होने की बात कही थी। कांग्रेस के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेता विपक्ष को एक साथ आने की अपील कर चुके हैं। राजधानी दिल्ली में एक किताब के विमोचन में राहुल गांधी ने कहा, 'हमें संविधान को बचाना पड़ेगा। संविधान को बचाने के लिए हमें संस्थानों की रक्षा करनी पड़ेगी। लेकिन सभी संस्थान आरएसएस के नियंत्रण में हैं।'

इस दौरान राहुल ने कहा कि उन्हें सत्ता में विपक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, 'यहां नेता हैं, चो सत्ता के पीछे लगे हुए हैं। वे हमेशा सत्ता हासिल करने के बारे में सोचते रहते हैं…अब उसमें मेरी एक परेशानी आ गई, मैं सत्ता के एकदम बीच में पैदा हुई, लेकिन सच कहता हूं मुझे इसमें दिलचस्पी नहीं है। इसके बजाए मैं देश को समझने की कोशिश करता हूं।'  शरद यादव के साथ बैठक के बाद राहुल ने कहा था, 'विपक्ष में… जो भी आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हैं, उन्हें साथ आ जाना चाहिए। वे साथ कैसे आएंगे और ढांचा कैसे तैयार होगा, इसपर चर्चाएं जारी हैं।' खास बात है कि दोनों नेताओं के बीच बैठक ऐसे समय पर हुई जब कांग्रेस राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है। इधर, आवास पर यादव ने भी मीडिया से बात की थी, 'राहुल गांधी पार्टी के लिए 24×7 काम करते हैं और मुझे लगता है कि उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए। कांग्रेस को उन्हें अध्यक्ष बनाना चाहिए।' इसपर राहुल ने जवाब दिया, 'इसके बारे हम देखेंगे।' कांग्रेस नेता ने यादव को अपना गुरु बताया और कहा कि उन्हें राजनीति के बारे में काफी कुछ सिखाया है।

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