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दो वर्षों बाद जगजीवन नगर बालाजी मंदिर में वार्षिक महोत्सव मनाया जाएगा, गूंजेगी मंत्रोच्चारण संग शहनाई की आवाज

धनबाद
जगजीवन नगर स्थित बालाजी मंदिर में एक बार फिर वार्षिक महोत्सव की तैयारी जोरो से चल रही है। कोरोना संक्रमण के दो वर्षों के बाद श्री वेंकटेश्वर (बालाजी) मंदिर समिति धनबाद 1987 के अपने स्थापना काल से लगातार वार्षिक महोत्सव मनाता आ रहा है। मंदिर कमेटी के सदस्यों द्वारा इस वर्ष एक बार फिर विगत दो वर्षों के बाद दो दिवसीय वार्षिक महोत्सव 16 और 17 अप्रैल को अपने पारंपरिक रीति रिवाजों से मनाने की तैयारी चल रही हैं। दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का 16 अप्रैल की सुबह छह बजे सुबह से कार्यक्रम प्रारंभ होकर समापन 17 अप्रैल रात्रि 8:30 बजे तक भगवान के एकांत सेवा के साथ किया जाएगा। बताया गया कि कोयलांचल के लिए एक बार फिर यह एक अद्भुत नजारा होगा जब भगवान बालाजी की पूजा, अर्चना, आरती, अभिषेक एवं विवाह की रश्में परम्पराओं एवं विधि विधान द्वारा किया जाएगा।

इस अवसर पर पूजा के लिए विशेष रूप से पुरोहितों का दल तिरुपति तिरुमला से बुलाया जाएगा और इसके साथ ही तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले लड्डुओं के लिए विशेष कारीगर तिरुपति से धनबाद आ रहें हैं। इतना ही नहीं भगवान बालाजी की प्रिय वाद्ययंत्र शहनाई एवं मृदंग बजाने वालों का भी एक दल कोयलांचल में अपनी आध्यात्मिक शास्त्रीय धुन फैलाने पधार रहें हैं। आयोजन से संबंधित तैयारियों की जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी के सचिव जीवीएसएन राव ने कहा कि हम अपनी पूरी निष्ठा और शक्ति के साथ मंदिर एवं पूजा की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए तैयारियों में लगे हुए है। इस आयोजन को लेकर मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष केवीआर राव ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के प्रतिबंधों और संक्रमण के बाद ईश्वर की कृपा से जब समाज में सब कुछ फिर से प्रारम्भ हो गया तो हमारी सामाजिक जिम्मेदारी के तोर पर समाज में सामूहिक तौर पर सकारात्मक वातावरण के निर्माण के लिए ईश्वर का गुणगान करें। मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष एनबी सुब्रमण्यम ने कहा कि अर्थ की व्यवस्था सदा से ही कठिन कार्य रहा है और दो वर्ष के अंतराल और कोरोना काल के बाद इस तरह का आयोजन और भी बड़ी चुनौति खड़ी कर रहा है। पर मंदिर समिति के सदस्यों के सहयोग से पूरी तरह सफलतापूर्वक संपन्न किया जाएगा। कार्यक्रम के संबंध विस्तृत जानकारी देते हुए समिति के प्रवक्ता एवं शिक्षाविद डाबी जगदीश राव ने कहा कि इस वर्ष के उत्सव में 16 अप्रैल की शाम एक सांस्कृतिक सांगीतिक संध्या का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कोयलांचल के युवा एवं बाल कलाकारों द्वारा संगीत एवं नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी।

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