भोपालमध्य प्रदेश

MP के 34 जिलों में SC-ST केस में हुआ इजाफा, ग्वालियर, बालाघाट में सर्वाधिक गिरफ्तारी बाकी

भोपाल
मध्यप्रदेश के 34 जिलों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर अत्याचार के प्रकरणों में इजाफा हुआ है। वहीं सत्रह जिले ऐसे भी है जहां इस वर्ग के लोगों पर अत्याचार के प्रकरणों में कमी आ गई है। टीकमगढ़ में इस वर्ग के प्रकरण पिछले वर्षों के समान ही रहे है। गृह विभाग की अधिकृत जानकारी के मुताबिक प्रदेश में एक अप्रैल 2020 से 30 नवंबर 2021 की अवधि में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के उपर हुए अत्याचार प्रकरणों की संख्या 34 जिलों में बढ़ी है।

सागर जिले में सर्वाधिक 951 मामले दर्ज किए गए। इन प्रकरणों में 1712 लोगों की गिरफ्तारी की गई और 1593 के खिलाफ 789 अपराधों में चालान पेश किए गए। अभी भी 178 लोगों की गिरफ्तारी बाकी है और 160 मामले विवेचना में है।  ग्वालियर जिला इस मामले में दूसरे स्थान पर है यहां आरक्षित वर्ग के लोगों के उपर अत्याचार से जुड़े 853 मामलों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है। इन प्रकरणों में 1656 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 1647 आरोपियों के विरुद्ध 722 अपराधों में चालान पेश किए गए है। यहां अभी भी 210 लोगों की गिरफ्तारी होना बाकी है। 131 प्रकरण अभी विवेचना में चल रहे है।

तीसरे नंबर पर शिवपुरी है, यहां कुल 781 मामले दर्ज किए गए है। इसमें 1571 लोगों को गिरफ्तार कर 1473 आरोपियों के विरुद्ध 689 अपराधों में चालान पेश किए गए है। 122 लोगों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। 90 मामले अभी विवेचना में चल रहे है। ग्वालियर में इस वर्ग के उपर होने वाले अपराध घटे है तो शिवपुरी में प्रकरणों में इजाफा हुआ है। जबलपुर इस मामले में चौथे स्थान पर है। यहां कुल 589 प्रकरण दर्ज हुए है। इनमें 1209 लोगों की गिरफ्तारी हुई और 1084 के खिलाफ 510 मामलों में चालान पेश किए गए ।

अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों पर अत्याचार के मामलों में 49 जिलों में गिरफ्तारी होना बाकी है। ग्वालियर में सर्वाधिक 210 और बालाघाट 188 लोगों की गिरफ्तारी होना बाकी है। भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी,भोपाल, विदिशा, राजगढ़, सीहोर, होशंगाबाद, रायसेन, नरसिंहपुर, कटनी, सतना, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सागर, दमोह, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगरमालवा, मंदसौर,रतलाम, इंदौर, धार, खरगौन, खंडवा, बड़वानी, अलीराजपुर और बुरहानपुर जिलों में बढ़े आरक्षित वर्गों पर अपराध।

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