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जहांगीरपुरी हिंसा में सलीम समेत 5 पर लगा NSA

  नई दिल्ली

 

राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri violence) मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया है. गृह मंत्रालय ने हिंसा में शामिल 5 आरोपियों पर एनएसए लगाया है. इन 5 आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार, सलीम, सोनू शेख, दिलशादी और अहीद के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी.

एक तरफ गृह मंत्रालय ने पूरे मामले में एक्शन लिया है तो दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की धर पकड़ में लगी हुई है. मंगलवार देर शाम दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने हिंसा के एक और आरोपी गुलाम रसूल उर्फ गुल्ली को गिरफ्तार किया है. गुलाम रसूल पर आरोप है कि उनसे सोनू शेख को फायरिंग के लिए हथियार सप्लाई किए थे.

जहांगीरपुरी में हालात हो रहे हैं सामान्य
वहीं जहांगीरपुरी में हालात सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं. हिंसा प्रभावित इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं. पुलिस ने बताया कि गलियों में कुछ दुकानें खुली हैं जिनमें से ज्यादातर किराने की दुकानें हैं और लोगों की आवाजाही भी सामान्य हो रही है. इलाके में 24 घंटे 500 से ज्यादा पुलिस कर्मियों और अतिरिक्त बलों की छह कंपनियों को तैनात रखा गया है. पुलिस ने बताया कि आंसू गैस से लैस और पानी की बौछार करने वाले कुल 80 दलों को तैनात रखा गया है. संवेदनशील इलाकों में छतों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

क्या है जहांगीरपुरी हिंसा का पूरा मामला?
जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया था जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय शख्स जख्मी हो गया था. पुलिस के मुताबिक, संघर्ष के दौरान पथराव और आगज़नी की घटनाएं हुई थी और गाड़ियों को भी जला दिया गया था.

क्राइम ब्रांच को सौंपा गया मामला
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को बताया था कि हिंसा मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई है और इसके लिए 14 टीमें बनाई गई हैं. पुलिस के अनुसार, वह 200 से अधिक वीडियो की पड़ताल कर रहे हैं ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो हिंसा के पीछे थे.

क्या है NSA एक्ट ?
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या फिर रासुका, एक ऐसा कानून है जिसके तहत किसी खास खतरे के चलते व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है. अगर स्थानीय प्रशासन को किसी शख्स से देश की सुरक्षा और सद्भाव का संकट महसूस होता है तो ऐसा होने से पहले ही वह उस शख्स को पकड़ सकती है. यह कानून प्रशासन को किसी व्यक्ति को महीनों तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है.

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