लगभग 6 हजार अनाधिकृत कॉलोनी होंगी नियमित: नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह
भोपाल
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि शहरी क्षेत्रों में अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितिकरण के लिये नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है। जल्द ही इसका प्रकाशन किया जायेगा। इससे प्रदेश की लगभग 6 हजार कॉलोनियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ होगा। नियमितीकरण के बाद इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को भवन निर्माण की अनुमति मिलने के साथ ही बैंक लोन की सुविधा भी मिल सकेगी।
नगर निगम |
स्वीकृत |
प्राप्त शुल्क |
इंदौर |
1975 |
41.89 करोड़ |
भोपाल |
1083 |
4.97 करोड़ |
ग्वालियर |
138 |
1.68 करोड़ |
जबलपुर |
188 |
1.22 करोड़ |
उज्जैन |
183 |
95.87 लाख |
सतना |
14 |
58.66 लाख |
रीवा |
64 |
55.19 लाख |
रतलाम |
13 |
44.35 लाख |
छिंदवाड़ा |
11 |
36 लाख |
देवास |
17 |
35.84 लाख |
सागर |
56 |
21 लाख |
मुरैना |
18 |
20.92 लाख |
सिंगरौली |
19 |
17.29 लाख |
बुरहानपुर |
12 |
13.71 लाख |
खण्डवा |
13 |
12.17 लाख |
कटनी |
18 |
9.40 लाख |
कम्पाउंडिंग के 4264 प्रकरण स्वीकृत, नागरिकों ने लिया विशेष छूट का लाभ
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री सिंह ने जानकारी दी है कि नगरीय निकायों में 31 अगस्त से 27 दिसम्बर तक कम्पाउंडिंग के 5320 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। इनमें से 4264 प्रकरण स्वीकृत किये जा चुके हैं। इससे नगरीय निकायों को 54 करोड़ 45 लाख रुपये की राशि प्रशमन शुल्क के रूप में प्राप्त हुई है। इंदौर नगरपालिक निगम द्वारा सर्वाधिक 1975 प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। इससे निगम को 41 करोड़ 89 लाख रुपये का शुल्क प्राप्त हुआ है। मंत्री सिंह ने इस उपलब्धि के लिये इंदौर नगर निगम को बधाई देते हुए कहा है कि अन्य निकायों को भी इसका अनुकरण करना चाहिये।
28 फरवरी तक आवेदन पर मिलेगी 20 प्रतिशत की छूट
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि अनुज्ञा के बिना या प्रदान की गई अनुज्ञा के उल्लंघन में निर्मित संन्निर्माण के प्रशमन के लिये 28 फरवरी, 2022 तक आवेदन कर शासन द्वारा दी जाने वाली 20 प्रतिशत छूट का लाभ जरूर लें। यह छूट नियम के अनुसार संगणित किये गये प्रशमन शुल्क पर मिलेगी। उन्होंने बताया कि नागरिकों के हित में किये गये विशेष प्रयासों से राज्य शासन द्वारा 10 अगस्त, 2021 को कॉलोनियों के नियमितीकरण के संबंध में नगरपालिका अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया गया था। इसमें कॉलोनियों के नियमितीकरण के वैधानिक प्रावधान सम्मिलित किये गये। साथ ही अनुज्ञा के बिना अथवा अनुज्ञा के प्रतिकूल भवन बनाये जाने पर कम्पाउंडिंग (प्रशमन) की सीमा को 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है।