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Xiaomi पर ED की बड़ी कार्रवाई, 5,551 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

नई दिल्ली

टेलीकॉम फर्म शाओमी इंडिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने बैंक खातों में जमा शाओमी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 5551.27 करोड़ रुपये जब्त कर लिए हैं। ईडी ने कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, (फेमा) 1999 के प्रावधान के तहत की है। शाओमी इंडिया चीन की शाओमी ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

इस साल फरवरी में, ईडी ने शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए कथित अवैध लेनदेन की जांच शुरू की थी। जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि कंपनी ने भारत में अपना ऑपरेशन वर्ष 2014 में शुरू किया और 2015 से पैसा भेजना शुरू किया था। कंपनी ने तीन विदेशी संस्थाओं को INR 5551.27 करोड़ के बराबर विदेशी मुद्रा भेजी, जिसमें रॉयल्टी की आड़ में एक Xiaomi समूह की यूनिट शामिल है।

रॉयल्टी के नाम पर पैसे भेजे
ईडी के अनुसार, Xiaomi ने 2014 में भारत में अपना परिचालन शुरू किया और 2015 से पैसा भेजना शुरू कर दिया। कंपनी ने रॉयल्टी की आड़ में कथित तौर पर तीन विदेशी-आधारित संस्थाओं को 5551.27 करोड़ रुपए के बराबर विदेशी मुद्रा भेजा। इसमें एक Xiaomi समूह है। रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी रकम कथित तौर पर उनके चीनी मूल समूह की संस्थाओं के निर्देश पर भेजी गई थी। अमेरिका स्थित दो अन्य असंबंधित संस्थाओं को भेजे गए पैसे भी Xiaomi समूह की संस्थाओं के अंतिम लाभ के लिए थी।

बैंकों को दी भ्रामक जानकारी
Xiaomi India, MI के ब्रांड नाम के तहत भारत में मोबाइल फोन का व्यापारी और वितरक है। Xiaomi India पूरी तरह से निर्मित मोबाइल सेट और अन्य उत्पाद भारत में निर्माताओं से खरीदता है। ईडी के अनुसार Xiaomi India ने उन तीन विदेश आधारित संस्थाओं से किसी भी सेवा का लाभ नहीं उठाया है, जिन्हें इस तरह की राशि हस्तांतरित की गई है। समूह संस्थाओं के बीच बनाए गए विभिन्न असंबंधित दस्तावेजी पहलुओं की आड़ में कंपनी ने विदेश में रॉयल्टी की आड़ में इस राशि को प्रेषित किया जो फेमा की धारा 4 का उल्लंघन है। फेमा के नागरिक कानून का उक्त खंड "विदेशी मुद्रा धारण करने" के बारे में बात करता है। ईडी ने कंपनी पर विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को 'भ्रामक सूचना' देने का भी आरोप लगाया है।

 इस महीने की शुरुआत में यह सामने आया खा कि एजेंसी ने जांच के तहत शाओमी कोर्पोरेशन के एक पूर्व भारतीय प्रमुख को यह निर्धारित करने के लिए बुलाया था कि क्या कंपनी की व्यावसायिक प्रथाएं भारतीय विदेशी मुद्रा कानूनों के अनुरूप हैं। ईडी दो महीने से अधिक समय से कंपनी की जांच कर रही है। इस संबंध में एजेंसी ने भारत के पूर्व प्रबंध निदेशक मनु कुमार जैन को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा था। हालांकि इस पर न तो जैन और न ही एजेंसी ने टिप्पणी दी है।

शाओमी ने रॉयटर्स को बताया कि कंपनी सभी भारतीय कानूनों का पालन करती है और 'सभी नियमों का पूरी तरह से अनुपालन' करती है। "हम अधिकारियों के साथ उनकी चल रही जांच में सहयोग कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास सभी आवश्यक जानकारी है।"

 

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