भोपालमध्य प्रदेश

MP में बनी रणनीति, सरकारी महकमों में निजी निवेश के लिए आयुक्त संस्थागत वित्त को इन्वेस्टमेंट की जिम्मेदारी

भोपाल
सरकारी महकमों में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोजेक्ट डेवलप करने की रणनीति अब आयुक्त संस्थागत वित्त तैयार करवाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बनारस में मुख्यमंत्रियों की कान्क्लेव के बाद अब मध्यप्रदेश में इस दिशा में काम शुरु किया जा रहा है।

सरकारी महकमों में निजी निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करने की योजनाओं पर ज्यादा काम नहीं हो पा रहा है। विभागों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और राज्य सरकार की निवेशकों के लिए बनाई गई नीतियों का प्रचार कर निवेशकों को आकर्षित किया जा सकता है। लेकिन विभागों में यह काम अभी ठीक से नहीं हो पा रहा है। इसलिए अब राज्य सरकार ने इसकी जिम्मेदारी आयुक्त संस्थागत वित्त भास्कर लक्षकार को दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए आयुक्त संस्थागत वित्त को समन्वयक बनाया है। आयुक्त संस्थागत वित्त राज्य शासन के विभिन्न विभागों से समन्वय कर  निजी निवेश को आकर्षित करने के प्रोजेक्ट विकसित करने की रणनीति तैयार कराएंगे।  समय-समय पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी जिसमें इन कामों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

विभागों में निजी निवेश बढ़ेगा तो उनमें ज्यादा योजनाओं पर काम हो सकेंगे। सरकारी धन ज्यादा खर्च नहीं होगा और विभाग की नीतियों पर ज्यादा काम होंगे इससे प्रदेश का तेजी से विकास हो सकेगा। निजी निवेश आएगा तो बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और  प्रदेश का प्रचार-प्रसार अन्य राज्यों तक होगा।

सरकारी महकमों में शत प्रतिशत निजी निवेश और पीपीपी पर निवेश के विकल्पों के आधार पर काम किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने वायवलिटी गैफ फंडिंग अब चालीस से बढ़ाकर साठ प्रतिशत कर दी है। इसके चलते अब विभागों में निजी निवेश पर और ज्यादा काम हो सकता है क्योंकि जोखिम दर कम होगी और नुकसान की भरपाई भी सरकारी स्तर पर ज्यादा हो सकेगी। उद्योग विभाग, लघु उद्योग निगम, एमएसएमई , आईडीसी  सहित उद्योग से जुड़े अन्य निगम-मंडलों में निजी निवेशकों को शत प्रतिशत निवेश के लिए आमंत्रित किए जने की योजनाएं बनाई जाएंगी।  

इन विभागों से उनके दो और तीन साल के प्लान पर बात की जाएगी। इसके आधार पर प्लानिंग कर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर निवेश को मूर्त रुप दिया जाएगा। वहीं सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले विभागों जैसे सामाजिक न्याय विभाग, महिला बाल विकास विभाग  कुटीर एवं ग्रामोद्योग कृषि, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा,उच्च शिक्षा और पब्लिक सेक्टर से जुड़े काम करने वाले विभागों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर निजी निवेश को आकर्षित करने की योजनाएं बनाई जाएंगी।

इनका कहना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई सीएम कान्क्लेव के बाद प्रदेश के सरकारी विभागों की योजनाओं में निजी निवेश बढ़ाने के लिए काम शुरु किया जा रहा है। इसमें हम शत प्रतिात निजी निवेश और पीपीपी पर निवेश की अवधारणाओं पर काम कर विभागों में होंने वाले कामों को निजी निवेश के जरिए बढ़ाएंगे। आने वाले दो-तीन सालों में इसके उत्साहजनक परिणाम सामने आएंगे।
भास्कर लक्षकार, आयुक्त संस्थागत वित्त

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