सीहोर पुलिस आधुनिकता की ओर… अब पीओएस मशीन से बनाया जाएगा चालान
सीहोर पुलिस आधुनिकता की ओर... अब पीओएस मशीन से बनाया जाएगा चालान

सीहोर। सीहोर जिला पुलिस लगातार आधुनिकता की ओर अग्रसर है। पहले जहां पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने जिले के सभी थानों को ऑनलाइन करके ई-जनसुनवाई शुरू कराई तोे अब यातायात केे नियमों को तोड़ने वालों सेे चालान पीओएस मशीन के माध्यम से वसूल करने की तैयारी कर ली। इसके लिए पीएसओ मशीन को लांच भी कर दिया गया है। सीहोर में पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी के निर्देशानुसार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर गीतेश गर्ग के मागदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक निरंजन सिंह राजपूत द्वारा पीओएस मशीन को लॉन्च किया गया। इसके द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर यातायात पुलिस द्वारा ई-चालान की कार्रवाई की जाएगी।
अब यातायात नियम को तोड़ने वाले वाहन का चालान पीओएस यानि प्वाइंट आफ सेल मशीन से बनाया जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से अनुबंध किया है। यातायात के नियमों को तोड़ने वाले वाहनों का चालान बनाने के लिए पुलिस कागज की रसीद काटती है। इसकी एक कार्बन कॉपी अपने पास रखती है। यही कार्बन कॉपी पूरी चालानी कार्रवाई का ब्योरा होती है। इसमें कई बार भूल चूक की संभावना भी बनी रहती है। साथ ही चालान जमा करने वाले वाहनों का ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं रहता, जिससे कभी जरूरत पड़ने पर तत्काल उसकी जानकारी मिल सके। ऐसी कई विसंगतियां चालानी कार्रवाई में आती हैं, जिन्हें दूर करने और पूरी कार्रवाई को पारदर्शी बनाने के लिए पुलिस ने चालानी कार्रवाई में तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है। जो अब महानगरों से छोटे नगरों और कस्बों तक पहुंच रही है। बैंक के अधिकारी तथा तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा एनआइसी के साथ मिलकर जिला मुख्यालयों पर पीओएस मशीन संचालन संबंधी प्रशिक्षण दिए जाएंगे।
पुलिस को होगा ये फायदा-
चालान काटने की इस नई तकनीक से पुलिस को कई फायदें होंगे। सबसे पहला तो काम की गति तेज होगी। इसके अलावा चालानी कार्रवाई में पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी। जिस वाहन का एक बार चालान बन जाएगा, दूसरी बार यदि वह वाहन नियम का उल्लंघन करते पकड़ा जाता है तो नंबर डालते ही उसका पुराना रिकॉर्ड निकल आएगा, ऐसे में नियमानुसार दूसरी बार नियम तोड़ने पर चालान की डबल राशि वसूल होगी। इस तरह पुलिस के पास वाहनों का एक डाटाबेस तैयार होगा, जो अन्य जांच पड़ताल में भी उपयोगी साबित होगा। चोरी के वाहनों को पकड़नेे में आसानी रहेगी।
ऐसे काम करेगी पीओएस मशीन-
पीओएस मशीनों में जो साफ्टवेयर है, उसे एनआइसी ने बनाया है। इसमें मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं और जुर्माने की राशि फीड की गई है। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से भुगतान किया जा सकेगा। ई-चालान पीओएस मशीन में यातायात नियमों का उल्लंघन करता द्वारा क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक कुल शमन का 2.10ः $ जीएसटी अतिरिक्त सुविधा शुल्क के रूप में भुगतान करना होगा। यह नियम केवल क्रेडिट कार्ड के उपयोग करने पर भी लागू होगा। अगर कोई नकद भुगतान करना चाहता है तो इस पर गाड़ी का नंबर और नियम के उल्लंघन की जानकारी फीड करते ही पर्ची निकल जाएगी। इसके बाद नकद भुगतान लिया जा सकेगा। वहीं अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं तो वाहन चालक से वह नंबर मांगा जाएगा, जो बैंक खाते से लिंक है। इस नंबर पर पीओएस के जरिए लिंक भेजी जाएगी, जिस पर सात दिन के अंदर भुगतान करना होगा। यदि उल्लंघन करता सात दिवस के भीतर चालान जमा नहीं करता है तो वह स्वतः ही वर्चुअल कोर्ट में स्थानांतरित हो जाएगा। यदि उल्लंघन करता को जनरेट किए गए लिंक से पेमेंट करने पर कोई परेशानी हो रही हो तो वह संबंधित थाने में जाकर चालान जमा कर रसीद प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर निरीक्षक सिद्धार्थ प्रियदर्शन, सूबेदार प्राची सिंह राजपूत तथा अन्य स्टाफ मौजूद रहा।