राजनीतिक

Election Commission: एमपी में इलेक्शन कमीशन के सामने खड़ी है ये परेशानी

भोपाल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराए जाने का रास्ता तो साफ हो गया है. लेकिन, बारिश से निपटना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए चुनौती बन सकता है. यही वजह है कि चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने बारिश को लेकर मौसम विभाग से अनुमान की जानकारी ली है.

मौसम विभाग ने चुनाव आयोग को 20 जून से पहले चुनाव कराने की सलाह दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि 20 जून के बाद मानसून एक्टिव होने का अनुमान है. प्रदेश के कई इलाके ऐसे हैं जहां बारिश के मौसम में बाढ़ के हालात बनते हैं, ऐसे में पंचायत, नगर निकाय के चुनाव कराना मुश्किल होगा.

फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं किया है. मई का महीना अंतिम दौर में है और अभी तक चुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है. ऐसे में एक महीने के भीतर चुनाव प्रक्रिया को पूरा करना मुश्किल भरा काम है. इस परिस्थिति में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव कराए जाने के चरण कम किए जाएं. अभी पंचायत चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से कलेक्टरों को जो संभावित कार्यक्रम भेजा गया है वो तीन चरणों में है जिसे दो चरणों में किया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो चुका है. चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे, हालांकि कुल आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकेगी. कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य निर्वाचन आयोग को दो हफ्ते के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए कहा है. ऐसे में आयोग चुनाव की तैयारियों में जुटा है. देखना होगा कि मौसम को लेकर आयोग अपनी रणनीति में किस तरह का बदलाव करता है.

बीजेपी-कांग्रेस जुटी तैयारियों में
इधर, बीजेपी और कांग्रेस पार्टियां नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. बीजेपी रविवार को भोपाल कार्यालय में नगरीय निकाय चुनाव संचालन समिति की बैठक करेगी. ये बैठक समिति के संयोजक उमाशंकर गुप्ता लेंगे. उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने कार्यकर्ताओं को बीजेपी संगठन की तरह काम करने की बात कही है.

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