
सीहोर। जिले के श्यामपुर थाना प्रभारी एसआई अर्जुन जायसवाल की डीजीपी सुधीर सक्सेना ने अपने सीहोर दौरे के दौरान एक दिन पहले जमकर तारीफें की थी, वही थाना प्रभारी रिश्वत लेते हुए धरा गए। लोकायुक्त की टीम ने थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल एवं उनके साथी होमगार्ड सैनिक अजय मेवाड़ा को 25 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल एक चोरी गई बोलेरो गाड़ी की रिपोर्ट लिखने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। बताया जा रहा है कि एसआई एवं श्यामपुर थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल पर पहले भी रिश्वत के गंभीर आरोप लग चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें महत्वपूर्ण थाने में पदस्थ करके रखा गया था। पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि अर्जुन जायसवाल को निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों डीजीपी सुधीर सक्सेना ने सीहोर जिले के श्यामपुर थाने का औचक निरीक्षण किया था। औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने श्यामपुर थाने सहित थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल की तारीफें भी की थीं, लेकिन थाना प्रभारी अपनी तारीफ ज्यादा देर तक नहीं पचा पाए और रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के हाथों चढ़ गए। एसआई अर्जुन जायसवाल फरियादी भागीरथ जाटव से उनकी चोरी गई बोलेरो गाड़ी की रिपोर्ट लिखने के एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे थे। फरियादी भागीरथ जाटव ने लोकायुक्त को शिकायत करते हुए बताया था कि वह सीहोर का ही रहने वाला है। कुछ दिनों पहले उसकी बोलेरो गाड़ी चोरी हो गई थी। चोरी की शिकायत कराने वह श्यामपुर थाने गया था, लेकिन वहां उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, बल्कि उसे 420 में फंसाने की धमकियां दी गर्इं। बाद में कहा गया कि अगर केस दर्ज कराना है तो 50 हजार रुपए लगेंगे। फरियादी ने बताया कि वह इतनी राशि देने की स्थिति में नहीं था, वह सप्ताह भर थाने के चक्कर काटता रहा, लेकिन किसी ने भी उसकी बात नहीं सुनी। अंत में उसने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की।
ऐसे पकड़ाए एसआई और उनके साथी-
फरियादी भागीरथ जाटव की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने प्लानिंग की और दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम तैनात की। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने फरियादी को रिश्वत की राशि दी एवं थाने भेजा। जब भागीरथ जाटव थाने पहुंचा और एसआई अर्जुन जायसवाल को पैसे देने लगा तो एसआई ने कहा कि वह राशि अजय मेवाड़ा को दें। इसके बाद फरियादी जाटव ने रिश्वत की राशि अजय मेवाड़ा को दे दी। भागीरथ जाटव पैसे देकर चला गया, इसके बाद एसआई अर्जुन जायसवाल एवं होमगार्ड सैनिक अजय मेवाड़ा मिले तो अजय मेवाड़ा ने पैसे एसआई अर्जुन जायसवाल को दे दिए, तभी लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त टीम ने रात करीब 12 बजे यह कार्रवाई की है। लोकायुक्त पुलिस ने अर्जुन जायसवाल पर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
पहले भी लग चुके हैं रिश्वत के आरोप-
एसआई अर्जुन जायसवाल पहले भी चर्चाओं में रहे हैं। हालांकि पहले भी वे रिश्वत से जुड़ी हुई चर्चाओं में ही शामिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि अर्जुन जायसवाल पर सीहोर के वार्ड क्रमांक 22 के पार्षद को हत्या के केस में फंसाने के नाम पर पांच लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए थे। ये आरोप भी दो वर्ष पूर्व मई-2020 में ही पूर्व पार्षदों ने तत्कालीन एडिशनल एसपी समीर यादव को ज्ञापन देते हुए लगाए गए थे। उस समय 2 लाख रुपए रिश्वत मांगने के सबूत भी दिए गए थे, लेकिन अर्जुन जायसवाल पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस बार वे लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
इनका कहना है-
एसआई अर्जुन जायसवाल श्यामपुर थाने में प्रभारी थाना प्रभारी के तौर पर पदस्थ थे। उन्हें लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
– मयंक अवस्थी, पुलिस अधीक्षक, सीहोर