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कोटवारों की मांग, वर्दी का रंग खाकी हो, बैठे हड़ताल पर

कोटवारों की मांग, वर्दी का रंग खाकी हो, बैठे हड़ताल पर

सीहोर। अपनी लंबित मांगों को लेकर सीहोर के कोटवार तहसील कार्यालय के बाहर मध्यप्रदेश कोटवार संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है। कोटवार सरकारी कर्मचारी घोषित करने, सेवाभूमि पर मालिकाना हक देने, सम्मानजनक वेतन देने के साथ नीली वर्दी का रंग खाकी करने की मांग कर रहे हैं। कोटवारों द्वारा मांगों को पूरा कराने को लेकर कलेक्टर, एसडीएम सहित जनप्रतिनिधियों और राजस्व मंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं। शासन द्वारा कोटवारों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। शासन के रवैया से परेशान कोटवारों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में कोटवारों का हड़ताल पर जाना चुनावी ड्युटी में लगे प्रशासनिक अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। इधर कोटवारों का कहना है कि माह की पगार मात्र 4 सौ रूपए ही दी जा रही है। परिवार का पालन-पोषण भी इस महंगाई में मुश्किल हो गया है। पूरा काम लिया जाता है, लेकिन सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जा रहा है। इस कारण अनेक सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित हैं। सेवाभूमि पर मालिकाना हक नहीं दिया जा रहा है, जिससे उक्त भूमि पर बैंक से कृषि कार्यों के लिए ऋण भी नहीं मिलता है। कृषि कार्य करना भी परेशानियों से भरा हो गया है। कोटवारों को नीली वर्दी पहनने के लिए दी गई है जिस कारण गांव में हास्य के पात्र बनना पड़ता है। कई बार गांव का चैकीदार होने पर भी विवादों के समय कोई मदद नहीं मिल पाती है। कोटवार लंबे समय से पुलिस के जवानों की तरह खाकी कलर की वर्दी की मांग कर रहे हैं। इन्हीं मांगों कोे लेकर कोटवारोें ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

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