राजनीतिक

राज्यसभा चुनावः कौन हैं महुआ माजी जिनके लिए JMM ने सरकार में सहयोगी कांग्रेस की नाराजगी मोल ले ली

 रांची
 
राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन के घटक जेएमएम और कांग्रेस के बीच आज की तारीख में छत्तीस का संबंध बन गया है। जेएमएम ने कांग्रेस की उम्मीदों को दरकिनार करते हए अपनी पार्टी का उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और सीएम हेमंत सोरेन ने पार्टी की महिला नेत्री महुआ माजी के नाम की घोषणा मंगलवार को कर दी। इसपर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने खुलकर कहा है कि दिल्ली में सोनिया गांधी के साथ हुई बैठक में कुछ तय हुआ था और रांची आने के बाद घोषणा कुछ और की गई। जेएमएम के इस फैसले से सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार और फूट की चर्चा आम हो रही है।

ऐसे में एक सवाल आम जनमानस में उभर रहा है कि आखिर कौन हैं महुआ माजी जिनके लिए जेएमएन ने इतना बड़ा रिस्क ले लिया। दरअसल, डॉ महुआ माजी हिन्दी की वरिष्ठ साहित्यकार और पार्टी के महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष हैं  जिन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया गया है। उन्हें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर उन्हें राज्यभर की महिलाओं से जुड़ने का मौका मिला और वह उनकी पीड़ा से भलीभांति वाकिफ हैं। पार्टी ने उनके काम पर भरोसा कर उन्हें टिकट दी है। वह झामुमो महिला इकाई की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। झामुमो नेता ने पूर्व में रांची विधानसभा सीट से   चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थीं।

पहले उपन्यास से चर्चित
डॉ महुआ माजी समाजशास्त्रत्त् में स्नातकोत्तर और पीएचडी हैं। उन्होंने यूजीसी-नेट, में भी सफलता पाई थी। बांग्लाभाषी होने के बावजूद हिन्दी में ही लेखन कार्य किया। शुरुआती दौर में वे कविताएं लिखती थीं। बाद में कहानी और उपन्यास लेखन में आगे बढ़ीं। अपने पहले उपन्यास- मैं बोरिशाइल्ला से ही चर्चा में आ गई थीं। यह बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की पृष्ठभूमि पर लिखी गई थी। उनका दूसरा उपन्यास- मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ भी चर्चित रहा, जो जादूगोड़ा में यूरेनियम खनन पर केंद्रित था। डॉ महुआ माजी की कहानियां- वागर्थ, हंस, नया ज्ञानोदय समेत हिन्दी की अन्य साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में छपती रही हैं। वर्तमान में वह अपने नए उपन्यास पर काम रही हैं। इसके अलावा एक नन-फिक्शन पर भी काम रही हैं, जो उनके राज्य महिला आयोग अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान के अनुभवों पर आधारित होगा।

 

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