देश

जुलाई से सितंबर के बीच बिजली संकट से कैसे निपटेगी मोदी सरकार?

 नई दिल्ली।
 
बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है। सरकार अप्रैल से मार्च 2023 तक बिजली की मांग और कोयला की आवश्यकता का आकलन कर रणनीति को अंतिम रूप दे रही है। इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय ने पूर्व में बिजली की मांग में वृद्धि के औसत के बजाए अप्रैल में बिजली मांग में इजाफे को आधार बनाया है। ऊर्जा मंत्रालय ने अप्रैल से अगले साल मार्च तक बिजली उत्पादन करने वाले पावर प्लांट को कितने कोयला की आवश्यकता होगी। इसका हर माह का आकलन किया है। ताकि, यह पता रहे कि इतना हमारा घरेलू उत्पादन है और प्रत्येक माह कितना कोयला आयात करना है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बारे में ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने कोयला सचिव एके जैन को पत्र भी लिखा है।

मंत्रालय का कहना है कि सभी थर्मल पावर प्लांट को सम्मिश्रण के लिए कोयला आयात करने के लिए कहा गया है। एनटीपीसी और डीवीसी ने कोयला आयात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पर दूसरे पावर प्लांट अभी इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ऊर्जा मंत्रालय ने रेलवे से अनुरोध किया है कि जुलाई से सितंबर तक कोयला आपूर्ति के लिए ज्यादा रैक का इंतजाम करे।
 
कोयला के लिए टेंडर जारी करे प्लांट
ऊर्जा मंत्रालय ने सभी थर्मल पावर प्लांट से कहा है कि वह कोयला आयात करने की प्रक्रिया शुरू करे। ऐसा नहीं करने पर पावर प्लांट को आवंटित घरेलू कोयला में कटौती की जा सकती है।

बढ़ सकता उपभोक्ताओं पर बोझ
घरेलू और अंतरष्ट्रीय बाजार में कोयला की कीमतों में काफी फर्क है। ऐसे में थर्मल पावर प्लांट अधिक कीमत पर कोयला आयात करता है तो उसे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसे में प्लांट यह बोझ उपभोक्ताओं पर डालते है, तो बिजली के दाम बढ़ सकते है।

बिजली संकट का डर
देश में बिजली की मांग को लेकर आई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला की मांग और आपूर्ति में अंतर बरकरार रहा तो संकट बढ़ सकता है। क्योंकि जुलाई से सितंबर में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से बिजली की मांग भी बढ़ सकती है।

आधे से ज्यादा प्लांट के पास कोयला कम
देश में 173 थर्मल पावर प्लांट हैं। इनमें से 98 प्लांट के पास अपनी जरूरत का 25 फीसदी से भी कम कोयला है।

उत्पादन बढ़ाने की तैयारी
कोयले की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कोल इंडिया भी कई उपाय कर रहा है। कंपनी नई खान से उत्पादन बढ़ाने के साथ पुरानी खान में फिर से माइनिंग शुरू करने पर विचार कर रहा है। कोल इंडिया ने अपने उत्पादन में करीब 12 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button