राजनीतिक

शिवसेना बागी गुट ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना

   मुंबई

महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम में गुरुवार रात बड़ा घटनाक्रम हुआ. गुवाहाटी में मौजूद शिवसेना के बागी विधायकों ने देर रात बैठक की, जिसमें एकनाथ शिंदे को शिवसेना बागी गुट का नेता चुना गया. साथ ही इसी बैठक में भरत गोगावाले को मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया. इसके बाद डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल, विधायी सचिव और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र भेजा गया. इस पत्र में शिवसेना के 37 विधायकों के हस्ताक्षर हैं. बागी विधायकों की यह दूसरी बैठक है. इससे पहले हुई बैठक में जारी किए गए पत्र में 30 विधायकों के हस्ताक्षर थे.

गुरुवार को भी महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा पूरे दिन जारी रहा. दिनभर बयानबाजी और बैठकें होती रहीं. शिवसेना नेता संजय राउत भी इस उठापटक के बीच दिनभर बयानबाजी करते रहे. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के अलावा बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे के बयान भी आते रहे. सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की और शुक्रवार को जिला प्रमुखों की बैठक बुलाई.

12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला

शिवसेना की बैठक में मौजूद न रहने वाले 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला किया गया है. पार्टी सांसद अरविंद सावंत ने आजतक से कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास वर्षा बंगले पर शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई थी. जिसके लिए व्हिप जारी किया गया था. बावजूद उसके कुछ विधायक बैठक में मौजूद नहीं रहे. इस नोटिस का कुछ विधायकों ने जवाब दिया. उनके जवाब से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने झूठा कारण बताया है. इसीलिए पार्टी ने उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला किया है. हमने विधानसभा उपाध्यक्ष को पिटीशन सौंपी है, जिसमें 12 विधायकों के नाम हैं.

शिंदे बोले- किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं?

इसके बाद शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसे डराने की कोशिश करे रहे हैं. आपके तरीकों और कानून को भी हम जानते हैं. उन्होंने कहा कि 10 वां (शेड्यूल) व्हीप विधानसभा के कामकाज के लिए लगता है, बैठक के लिए नहीं. सुप्रीम कोर्ट में इस तरह के असंख्य मामले में हैं. 12 विधायकों पर कार्रवाई की बात कहकर आप हमें डरा नहीं सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम असली शिवसेना हैं, बाल ठाकरे की शिवसेना. हम कानून जानते हैं, इसलिए हमको धमकी मत दो. उन्होंने आगे कहा कि विरोधियों के पास संख्या नहीं है, फिर भी सरकार चला रहे हैं. अब हम उन पर कार्रवाई की मांग करते हैं.

शिंदे का दावा- राष्ट्रीय पार्टी मदद के लिए तैयार

शिंदे ने दावा किया कि 13 विधायकों छोड़कर उन्हें पूरे 42 विधायकों का समर्थन हासिल है. उन्होंने डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर कहा कि वही शिवसेना विधायक दल के असली नेता हैं. शिंदे का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी उनकी हर संभव मदद के लिए तैयार है.

4 विधायक और पहुंचे गुवाहाटी

गुवाहाटी के होटल रैडिसन ब्लू में गुरुवार को कुछ और विधायकों की एंट्री हुई. इसमें विधायक संजय राठौर, दादा भुस, गीता जैन, निर्दलीय विधायक किशोर जोर्गेवार और एमएसली रविंद्र फाटक शामिल हैं. इनमें से फाटक उन 2 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से बात करने के लिए सूरत भेजा था. सूरत पहुंचने के साथ उन्होंने एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उनके साथ बातचीत करवाई थी.

संजय राउत बोले- MLA कहें तो गठबंधन से निकलने को तैयार

शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने यह बयान देकर सभी को चौंका दिया कि अगर विधायक चाहते हैं तो शिवसेना महाविकास अघाड़ी गठबंधन से निकलने को तैयार है. राउत के बयान तुरंत बाद कांग्रेस की तरफ से बयान आया कि इस मुद्दे पर अब पार्टी अपनी रणनीति बदलेगी. हालांकि, अभी तक वो एमवीए गठबंधन के साथ है. महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले ने कहा कि राउत का बयान शिवसेना की रणनीति का हिस्सा है. वे बागी विधायकों को किसी तरह मुंबई वापस बुलाना चाहते हैं.

राउत के बयान पर शरद पवार का जवाब

राउत के बयान के बाद भी एनसीपी की तरफ से कहा गया कि एमवीए अब भी उद्धव सरकार के साथ खड़ी है. इस मसले पर शरद पवार ने प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी का पक्ष रखा. उन्होंने बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें बगावत की अंजाम भुगतना होगा.

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