मध्य प्रदेश:कैदियों के लिए एक नई योजना, कैदी विवि से निःशुल्क पढ़ाई कर ले सकेंगे डिग्री
भोपाल
मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विवि ने पहली बार प्रदेश के कैदियों के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस सत्र से भोज विवि जेल में बंद कैदियों के लिए यूजी, पीजी सहित व्यावसायिक एमबीए और एमसीए कोर्स निःशुल्क कराएगा। भोज विवि प्रदेश की 130 जेलों में बंद कैदियों को पढ़ाकर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के रास्ते खोलेगा। इसके लिए प्रदेश के सभी 130 जेलों में भोज विवि अध्ययन केंद्र खोलेगा, जहां शिक्षण व्यवस्था की जाएगी। इन अध्ययन केंद्रों में कैदी अपने पसंद के कोर्स में प्रवेश लेकर अध्ययन कर पाएंगे। उन्हें पढ़ने और लिखने के लिए कापी, किताब सहित पूरी शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। भोज विवि कुलपति ने कहा है कि जेल में सजा काट रहे कैदियों को निःशुल्क पढ़ाई कराई जाएगी। सत्र 2021-22 से कैदियों को प्रवेश दिया जा रहा है। अभी तक 50 फीसद फीस लेना तय किया गया था, लेकिन अब निःशुल्क कर दिया गया है, क्योंकि कैदियों के पास पैसे नहीं होते हैं। वहीं, भोज विवि ने कोविडकाल के दौरान आर्थिक रूप से परेशान परिवार के विद्यार्थियों के लिए अपने सभी कोर्स की फीस 20 से 46 फीसद तक कम कर दी है। कोविड से अनाथ हुए विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। भोज विवि में यूजी-पीजी के 18 कोर्स संचालित हो रहे हैं। उक्त सभी कोर्स की फीस नौ हजार रुपये कर दी गई है। इसमें सबसे ज्यादा एमबीए और एमबीए एमएम कोर्स की 16 हजार 560 रुपये फीस है। फीस में करीब 46 फीसद तक कटौती कर दी गई है। अब विद्यार्थी सिर्फ नौ हजार रुपये फीस भरकर एमबीए में प्रवेश ले सकते हैं।
कैदियों की काउंसलिंग भी की जाएगी
जेल के विद्यार्थियों के लिए अध्ययन केंद्रों में आनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर 15 दिन की आफलाइन कक्षाएं भी लगाई जाएंगी। विद्यार्थियों की परीक्षा भी आयोजित की जाएगी। उन्हीं जेलों में उनके लिए परीक्षा केंद्र बनाकर परीक्षाएं कराई जाएंगी, ताकि डिग्री लेकर वहां से मुक्त होकर वे नौकरी भी कर सकें। सत्र 2021-22 के लिए जुलाई से प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। अभी तक विवि ने 50 फीसद फीस में कटौती की थी। अब पूरी फीस माफ की गई है। विवि के सभी कोर्स में कैदी 15 जनवरी तक निःशुल्क प्रवेश ले सकते हैं। विवि द्वारा जेलों में संचालित अध्ययन केंद्रों में पढ़ाई करने के लिए कैदियों की काउंसलिंग भी की जाएगी। इसके लिए आनलाइन काउंसलर और मनोविज्ञानी जुड़ेंगे। विवि के अधिकारियों ने बताया कि कैदियों की मनोदशा को समझने की भी जरूरत है। उनकी काउंसलिंग कर उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित करना है, ताकि पढ़ाई करने के बाद उनके जीवन में बदलाव आ सके।