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राजस्थान: 4 जनवरी को कई जिलों में हो सकती है बारिश

जयपुर
राजस्थान में 4 जनवरी को राजधानी जयपुर, अलवर, दौसा, बीकानेर, जोधपुर और अजमेर संभागा में बारिश होगी। मौसम विभाग ने ओले गिरने की संभावना के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है। जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मंगलवार को राजस्थान में एक नया पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होगा। जिसकी वजह से राज्य में बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। उन्होंने बताया कि नए विक्षोभ का असर 7 जनवरी तक बने रहेने की संभावना है। पाकिस्तान क्षेत्र से आर रहे नए सिस्टम का असर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर में देखने को मिल सकता है। 4 जनवरी को पश्चिम राजस्थान में कई जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। आधे राजस्थान में कहीं-कहीं बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। राजधानी जयपुर में हल्की गति से सर्द हवाएं चल रही है। जयपुर में सोमवार को न्यूनतम तापमान 8.5 सेल्सियस दर्ज हुआ। जबिक चूरू में सोमवार को तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज हुआ।

नया विक्षोभ सक्रिय होने से सर्दी दिखाएगी तेवर
राजस्थान में कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। आगामी दिनों में प्रदेशवासियों को सर्दी से राहत मिलने की संभावना बेहद कम है।  क्योंकि 4 जनवरी को नया विक्षोभ सक्रिय होने से कड़ाके सर्दी और शीत लहर का दौर जारी रहेगा। जयपुर संभाग के तहत आने वाले जिलों अलवर, दौसा, सीकर और झुंझुनूं में ओलों के साथ बारिश हो सकती है। इस दौरान तापमान में भी 4 से 5 डिग्री तक गिरावट होने की संभावना है। जनवरी के पहले सप्ताह में सर्दी कड़े तेवर दिखाएगी। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पांच संभागों में मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। दोनों पश्चिम विक्षोभ के चलते बारिश होगी। दिन के समय शीतलहर और कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार पहला पश्चिम विक्षोभ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर बने परिसंचरण तंत्र बनेगा। साथ ही अरब सागर की खाड़ी से हवाएं और नमी राजस्थान में प्रवेश करेगी। माना जा रहा है कि 4 जनवरी की रात से ही बीकानेर, अजमेर और जोधपुर संभाग में बारिश की गतिविधिया शुरू हो जाएंगी।

कृषि विभाग ने किसानों को दी सलाह
मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए राज्य के कृषि विभाग ने किसानों को विशेष सलाह जारी की है। किसानों तो आगाह किया गया है कि वे अपनी फसलों का विशेष ध्यान रखें। बेमौसम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ सकती है। सरसों की फसल खेतों में खड़ी है। ऐसे में बारिश होने से सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है। तेज बारिश किसानों की कमर तोड़ सकती है। क्योंकि खेतों में भरा पानी नहीं सूखने पर सरसों की फसल में नुकसान होना तय है।

 

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