रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी मामला: कोर्ट की पुलिस को फटकार, 13 जनवरी को होगी स्टेटस रिपोर्ट तलब
भोपाल
हमीदिया अस्पताल से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चोरी हुए 865 रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में कोर्ट ने भोपाल पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने 21 जून 2021 को भोपाल पुलिस को निष्पक्ष विवेचना कर अभियोग पत्र प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया था. कोर्ट ने भोपाल पुलिस को 13 जनवरी तक का समय दिया है.
कांग्रेस MLA ने लगाई HC में याचिका
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने अपनी याचिका में कहा था कि अस्पताल प्रबंधन विभाग बड़े अधिकारियों और राजनेताओं से सांठगांठ कर इंजेक्शन चोरी कराया था. जिसकी इंद्राज हॉस्पिटल के रजिस्टर में भी है. यह रजिस्टर पुलिस की विवेचना में है, लेकिन पुलिस बड़े लोगों को गिरफ्तार करने में आनाकानी कर रही है. इंजेक्शन के अभाव में कई लोगों की मौत हुई. हाई कोर्ट ने इस मामले में 21 जून 2021 को पुलिस को आदेश दिया था कि निष्पक्ष विवेचना कर अभियोग प्रस्तुत करें, लेकिन छह माह बाद भी पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं की. याचिकाकर्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रोहित श्रीवास्तव की कोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर कहा कि मामले की मॉनिटरिंग न्यायालय खुद करे, अब कोर्ट ने कोहेफिजा थाने को आदेश दिया है कि इस मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड्स, अब तक की गई विवेचना, केस डायरी 13 जनवरी तक कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें.
क्राइम ब्रांच की थी मामले की जांच
पिछले साल अप्रैल माह में जब कोरोना पीक पर था, उस दौरान हमीदिया हॉस्पिटल से 800 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी हो गया था. कोहेफिजा थाना पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध किया था, इंजेक्शन चोरी के मामले में हॉस्पिटल के तत्कालीन अधीक्षक आईडी चौरसिया संदेह के घेरे में थे, क्राइम ब्रांच ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि अधिकांश इंजेक्शन मिल गए हैं, इंजेक्शन के रिकॉर्ड में गड़बड़ी की वजह से यह गफलत हुई थी. हालांकि, इनमें से बड़ी संख्या में इंजेक्शन का रिकॉर्ड नहीं मिल पाया था, बाद में पूरी जांच ठंडे बस्ते में चली गई थी.