राजनीतिक

संसद में बैन शब्दों पर टीएमसी सांसद डेरेके ओ ब्रायन बोले – मैं तो बोलूंगा, मुझे सस्पेंड कर दो

नई दिल्ली
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे ठीक पहले कुछ ऐसे शब्दों की सूची जारी की गई है जिन्हें असंसदीय करार देते हुए उन्हें रिकॉर्ड में नहीं रखने की बात कही गई है। अब इसी को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने करारा हमला बोलते हुए कहा है कि मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। इसके साथ ही उन्होंने चुनौती दी है कि उन्हें सस्पेंड कर दें। दरअसल, अपने एक ट्वीट में तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा है कि संसद में अपनी बात रखते हुए अब हमें इन मूल शब्दों का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने आगे लिखा है कि वह इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। सरकार चाहे तो उन्हें निलंबित कर सकती है। वह लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे। वहीं तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से भी इसकी आलोचना की गई है।

असल में यह मुद्दा तब उठा है जब लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को एक बुकलेट जारी की। इसमें कुछ शब्द जैसे जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट, अशेम्ड, अब्यूज्ड, बीट्रेड, करप्ट, ड्रामा, हिपोक्रेसी, इनकंपीटेंट, असंसदीय जैसे शब्दों का इस्तेमाल असंसदीय भाषा की श्रेणी में आएगा। इसलिए इन शब्दों का इस्तेमाल लोकसभा और राज्यसभा में ना हो। इसके लिए लोकसभा सचिवालय ने बकायदा 'असंसदीय शब्द 2021' शीर्षक के तहत इन शब्दों और वाक्यों का नया संकलन तैयार किया, जिन्हें 'असंसदीय अभिव्यक्ति' की श्रेणी में रखा गया है। लोकसभा एवं राज्यसभा में बहस के दौरान यदि इन शब्दों का इस्तेमाल यदि सांसद करेंगे तो उन्हें 'असंसदीय' माना जाएगा और उन्हें सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा। इसी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। हालांकि लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि यह बुकलेट 2021 की है। कोई नई बुकलेट जारी नहीं की गई है। मामले में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार की आलोचना करने वाले शब्दों को असंसदीय घोषित कर दिया गया है।

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