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नेपाल के नए नियम से आधा हो गया भारत से निर्यात, छोटे व्‍यापारियों को बड़ा नुकसान

महराजगंज  
नेपाल में आयात के नए नियम से भारत से सामानों के निर्यात पर विपरीत असर पड़ा है। निर्यात करीब आधा हो गया है। आलम यह है कि अकेले सोनौली बॉर्डर से पहले जहां औसतन पांच सौ तक मालवाहक नेपाल जाते थे, वहीं इस समय प्रतिदिन औसतन दो-ढाई सौ मालवाहक ही जा रहे हैं। भारत से निर्यात में भी करीब 60 फीसदी गिरावट आ चुकी है। मालवाहकों की भीड़ के कारण पहले सोनौली और नौतनवा तक हाईवे पर हमेशा जाम लगा रहता था। अब सन्नाटा पसरा हुआ है।

नेपाल राष्ट्र बैंक ने आयात के लिए नए नियम बनाए हैं। 20 दिसंबर से यह नियम लागू हो गया है। फल, सब्जी और खाद्य पदार्थों को छोड़कर भारत से आयातित करीब सौ सामानों के लिए यह नियम लगाया गया है। इसमें टाइल्स व मार्बल प्रमुख रूप से शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार नेपाल के व्यापारी रेट कम लगवाकर नेपाल से सामान मंगवाते थे। इसके कारण कालाबाजारी होती थी और टैक्स की भी चोरी होती थी। अब नेपाल के वित्त मंत्रालय की पहल पर नेपाल राष्ट्र बैंक ने यह नया नियम बना दिया है। इसके बाद अब कालाबाजारी व टैक्स की चोरी नहीं हो सकेगी। जितने का सामान मंगवाया जाएगा, उतने का टैक्स भरना पड़ेगा।

भैरहवां भंसार कार्यालय, नेपाल के सूचना प्रवक्ता तीर्थराज पासवान कहते हैं कि इससे पहले जहां नेपाली व्यापारी भारतीय व्यापारियों से उधार सामान मंगाकर डीडी या आरटीजीएस से पेमेंट कर देते थे, वहीं अब नए नियम के अनुसार एलसी यानी लेटर ऑफ क्रेडिट द्वारा पेमेंट करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके कारण व्यापारियों ने ऑर्डर ही रोक दिया है। सोनौली ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन गुप्ता ने बताया कि नेपाल में एलसी की बाध्यता के कारण नेपाल पार्टियों ने लोडिंग रोक दी है। जहां प्रतिदिन 650 के करीब गाड़ियां जाती थीं, वह अब वह संख्या 200 के करीब होकर रह गई है।

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