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रैली होती तो भाजपा को लगता झटका?, बारिश, किसानों का प्रदर्शन और सिर्फ 5 हजार लोग…

लुधियाना
सुरक्षा में चूक की वजह से प्रधानमंत्री की पंजाब के फिरोजपुर में होने वाली जिस रैली को कैंसिल किया गया उसमें महज पांच हचार लोग ही पहुंचे थे, जबकि बीजेपी की प्रदेश इकाई ने इस रैली में पांच लाख लोगों के जुटने का दावा किया था। खबरों के मुताबिक, बीजेपी ने फिरोजपुर रैली स्थल तक लोगों को लाने के लिए 3 हजार 200 बसों का प्रबंध किया था लेकिन इसके बावजूद रैली में भीड़ नहीं जुट सकी।

ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, राज्य के कुछ चुनावी क्षेत्रों में तो करीब 60 बसें भेजी गई थीं। हालांकि, पार्टी को यह अंदाजा लग गया था कि पीएम की रैली में वैसी भीड़ नहीं उमड़ने वाली जैसी उसको उम्मीद थी और इसलिए रैली स्थल पर सिर्फ 500 बसों के लिए पार्किंग का इंतजाम किया गया था।

बता दें कि किसान संगठन पिछले कई दिनों से सख्त विरोध की योजना बना रहे थे। इसके लिए उन्होंने गांवों के गुरुद्वारों तक से घोषणाएं कीं और लोगों से रैली में न जाने को कहा। भीड़ कम करने के लिए यह वजह काफी थी लेकिन राज्य में शीतलहर और बारिश ने रैली को फ्लॉप शो बनाने में और मदद कर दी।

किसानों के विरोध का परिणाम बुधवार को देखने को भी मिला। पार्टी के पास बसें भरने के लिए भी पर्याप्त संख्या में भीड़ नहीं जुट सकी। बीजेपी ने यह भी दावा किया कि बसों को रैली स्थल तक पहुंचने से रोका गया। सूत्रों के मुताबिक, बसें रोकी जरूर गईं लेकिन इनकी संख्या उतनी नहीं थी जितना बीजेपी दावा कर रही थी।
 
रैली स्थल पर कुल 65 हजार कुर्सियों का प्रबंध था लेकिन सिर्फ 5 हजार कुर्सियां ही भर सकीं। बीते हफ्ते ही पंजाब बीजेपी चीफ अश्विनी शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि इस रैली में पांच लाख लोग जुटेंगे और यह पंजाब के इतिहास में सबसे बड़ी रैलियों में से एक होगी।

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