राजनीतिक

शिवसैनिकों के मन की बात जानने के लिए एकनाथ शिंदे कराएंगे सर्वेक्षण

मुंबई । शिवसेना से बगावत करके मुख्यमंत्री बनने वाले एकनाथ शिंदे को अब इस बात की चिंता सताने लगी है कि उनके फैसले से शिवसैनिक खुश या नाराज। आदित्य ठाकरे इन दिनों शिवसैनिकों को अपने पक्ष में करने के लिए रैलियां निकाल रहे हैं और खासतौर पर बागी विधायकों के इलाकों में जा रहे हैं। इस बीच एकनाथ शिंदे ने शिवसैनिकों के बीच एक सर्वे कराने का निर्णय लिया है, ताकि वह यह जान सकें कि उनके बगावत के फैसले पर शिवसैनिक क्या सोचते हैं।
दरअसल, बीएमसी चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव के हिसाब से एकनाथ शिंदे प्लानिंग करना चाहते हैं। उनका मानना है कि सर्वे में शिवसैनिकों का मूड जानने के बाद प्लानिंग करना आसान होगा। एकनाथ शिंदे कैंप इस सर्वे के लिए एक संस्था को भी हायर करना चाहता है। सीएम शिंदे का मानना है कि इससे जनता के मूड को भी समझने में आसानी होगी कि आखिर वे लोग बगावत को लेकर क्या सोचते हैं। शिंदे खेमे को इस बात की भी चिंता है कि कहीं उनकी ओर से बगावत करना बैकफायर तो नहीं कर गया है। दरअसल शिवसेना के 54 में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ आ गए हैं, लेकिन अब भी उन्हें इस बात को लेकर संशय है कि कार्यकर्ता उनका साथ देंगे या नहीं। वह इस सर्वे के जरिए वह जनता के मूड को समझने का प्रयास करेंगे।
इस सर्वे के लिए शिंदे कैंप ने कर्नाटक स्थित पब्लिक पॉलिसी रिसर्च संस्था और दिल्ली की इलेक्शन रिसर्च फर्म से जुड़े लोगों से मुलाकात की है। अब तक एकनाथ शिंदे कैंप की ओर से सर्वे को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि आगामी चुनाव के लिहाज से यह कराया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सर्वे का यह आइडिया एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे का है। उन्होंने ही दिल्ली में सर्वे करने वाली फर्म के लोगों से मुलाकात की है।
उल्लेखनीय है कि सरकार जाने और फिर पार्टी पर संकट को देखते हुए उद्धव ठाकरे खेमा भी खासा सक्रिय हो गया है। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने यात्रा शुरू की है। शिव संकल्प यात्रा के तहत वह प्रदेश भर में जा रहे हैं। खासतौर पर उन विधायकों के इलाकों में टूर कर रहे हैं, जिन्होंने पार्टी से बगावत की है। वह शिवसैनिकों से अपील कर रहे हैं कि जो लोग भी सच्चे कार्यकर्ता हैं, वे उनके साथ आएं। कहा जा रहा है कि शिवसैनिकों के एक वर्ग शिंदे कैंप की बगावत को धोखे के तौर पर भी देख रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में शिवसैनिकों का क्या रुख होता है।

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