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संगीतमय सुंदरकांड के साथ शुभारंभ किया अग्रसेन जयंती महोत्सव का

सीहोर। अग्रवाल समाज के तत्वाधान में हर साल की तरह इस साल भी अग्रसेन जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। शनिवार को महोत्सव के अंतर्गत श्रीराम मानस मंडल समिति की टीम के साथ रात्रि साढ़े सात बजे संगीतमय सुंदरकांड के साथ अग्रसेन जयंती का शुभारंभ किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने बताया कि पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के कारण उत्साह नहीं हो पाया था, लेकिन इस वर्ष पूरी आस्था और उत्साह के साथ अग्रवाल समाज के द्वारा अग्रसेन जयंती महोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर शनिवार की रात्रि को सुंदरकांड के द्वारा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। रविवार को शाम साढ़े पांच बजे सभी महिलाओं के लिए लक्की गेम प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा रात्रि साढ़े सात बजे हाउजी लक्की गेम प्रतियोगिता दूसरे चरण में की जाएगी।
उन्होने बताया कि महाराजा अग्रसेन राजा राम के पुत्र कुश की पीढ़ी की संतान थे। महाभारत के युद्ध में उन्होंने अपने पिता के साथ भाग लिया था। उनके मन में समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की मदद का भाव था। अग्रवाल श्री राम जी के वंशंज है महाभारत कालीन द्वापर युग अपनी चरम सीमा पर था यानी की पूर्णता पर था जैसा की आप सभी जानते है श्री राम जी के दो पुत्र थे लव और कुश तो द्वापर अपने चरम पर था और कलयुग की शुरुआत होने वाली थी  श्रीराम जी के पुत्र कुश की पीढ़ी में महाराजा अग्रसेन जी का जन्म अश्विन शुक्ल एकम के दिन हुआ आज से लगभग 5204 वर्ष पूर्व महाराजा अग्रसेन जी का अवतरण हुआ। उस समय प्रतापनगर के महाराजा वल्लभसेन थे और उनकी पत्नी का नाम भगवती देवी था तो अश्विन शुक्ल एकम के दिन माता भगवती ने एक बड़े ही सुंदर पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम अग्रसेन रखा गया। इसलिए अग्र कुल प्रवर्तक महाराजाधिराज श्री अग्रसेन की जयंती महोत्सव को अग्रवाल समाज प्रबंध समिति और सभी सहयोगी संगठनों के तत्वाधान में धूमधाम से मनाया जा रहा है।

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