भोपालमध्य प्रदेश

अभी प्रदेश में कोई नया प्रतिबंध नहीं-CM शिवराज

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में कोरोना की स्थिति का जायजा लेने और इस पर नियंत्रयण के लिए किए जा रहे टीकाकरण के लिए समीक्षा बैठक ली। बैठक में तय किया गया कि अभी प्रदेश में कोई नया प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। सरकार हालातों पर नजर रखे हुए है। बैठक में स्‍कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार के आठवीं तक स्‍कूल बंद करने के मसले पर सीएम ने कहा कि अभी इसकी आवश्‍यकता नहीं है। सीएम ने कहा कि केस बढ़ रहे हैं जरूरत हुई तो कड़े कदम उठाएंगे। उन्‍होंने कहा कि अनावश्‍यक कड़े प्रतिबंध से बचा जाना चाहिये, केस बढ़ रहे हैं पर हालात अभी इतने चिंताजनक नहीं हैं।

जिलों से अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े-

इस बैठक में मध्य प्रदेश के सभी जिलों से अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सिविल डिस्पेंसी प्रोफेसर कालोनी में टीकाकरण केंद्र का अवलोकन किया। जहां आज से प्रिकाशन डोज लगाई जा रही हैं। सीएम ने कहा कि अभी नाइट कर्फ्यू जारी है। स्कूलों को 50% उपस्थिति के साथ संचालित करने के निर्देश हैं। आज हम फिर से ही स्थिति की समीक्षा कर निर्णय लेंगे। मेरी आप सभी से अपील है कि कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों का अवश्य पालन करें। 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बेटे-बेटियों से मेरी अपील है कि जिन्होंने कोरोना से बचाव के डोज नहीं लगाए हैं, वह भी जल्द ही टीकाकरण करा लें। 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गजनों को अब जो टीका लगना है वह भी आएं। मास्क को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मास्क को लेकर कड़ाई से पालन हो, अनावश्यक प्रतिबंध न लगाएं, जब जरूरत पड़ेगी तो तुरन्त कदम उठाएंगे। स्कूल भी अभी 50 परसेंट से चलने दें, स्कूल अभी बंद न किए जाए। बड़े मेलों पर रोक लगा दी गई है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश –

वही अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान को लेकर हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए है, मुख्यमंत्री ने शीघ्र फसलों के नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा देने का निर्देश दिया है। बैठक में सी एम ने कहा कि प्रभारी मंत्री अपने प्रभार जिलों को देखेंगे, इसके साथ ही सभी कलेक्टर कमिश्नर को निर्देश दिया है कि ओलावृष्टि या अतिवृष्टि के कारण फसलें प्रभावित हुई हैं, प्रभावित गांव का सर्वे यथाशीघ्र पूरा किया जाए, शीघ्रता के साथ सर्वे कार्य खत्म करें। मुआवजे और भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ कर, सुनिश्चित कर दें कि वह वितरित होना शुरू हो गया है। सर्वेक्षण में, जनता की संतुष्टि भी आवश्यक है, सर्वे पूरी प्रमाणिकता और ईमानदारी के साथ हो, ध्यान रहे, सर्वे घर बैठे न हो जाये। सर्वे में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिनका नुकसान हुआ है, वो छूटे ना और जहां नुकसान नहीं हुआ है वो शामिल ना हों। जो नुकसान हुआ है उसके आधार पर ही अंतर विभागीय संयुक्त दल का गठन किया जाए। जिसमें राजस्व विभाग के साथ, कृषि, पंचायत, ग्रामीण विकास के अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित हों। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद प्रभावित किसानों की सूची समस्त ग्राम पंचायतों के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए तथा ग्रामवासियों को पढ़कर सुनाई जाए, सर्वेक्षण के दौरान संबंधित कृषक, और जनप्रतिनिधियों को भी विश्वास में लिया जाए, हमारे कई जगह विधायक साथीगण, सांसद साथीगण, प्रभारी मंत्री, कृषि मंत्री भी जाएं, उन्हें विश्वास में लेकर कार्य करें, प्रभावित गांव का सर्वे करने हेतु आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। कलेक्टर ओलावृष्टि प्रभावित गांव की प्रतिदिन मॉनिटरिंग करें, कमिश्नर भी समय सीमा के भीतर सर्वे पूर्ण कर, मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करें, कृषकों को मुआवजे का भुगतान सीधे उनके खाते में किया जाए, मुख्यमंत्री के नाते मैं, स्वयं किसानों के प्रति संवेदनशील हूं, संकट की ये घड़ी है, संकट की इस घड़ी में हम किसानों के साथ पूरी तरह से खड़े हैं।

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