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शाह बोले, पूर्वोत्तर में समस्याओं से निपटने को अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र का होगा इस्तेमाल

गुवाहाटी| केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद की 70वीं पूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में शाह ने कहा कि दशकों से इस क्षेत्र के विकास में तीन प्रमुख बाधाएं रही हैं- चरमपंथी समूहों द्वारा हिंसा, रेल, सड़क और हवाई संपर्क की कमी और पिछली सरकारों द्वारा पूर्वोत्तर के विकास पर जोर का अभाव।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले 8 वर्षो में पूर्वोत्तर में शांति लाने, संपर्क बढ़ाने और क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के लिए कई प्रयास किए हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा कि पूरा भारत पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, व्यंजन और वेशभूषा को अपनी विरासत मानता है और केंद्र सरकार इस क्षेत्र की पहचान को बनाए रखने और बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।

शाह ने मुख्यमंत्रियों से क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पर्यटन, वनीकरण और कृषि कार्यो के लिए मेघालय में स्थित पूर्वोत्तर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) की सुविधाओं का पूरा उपयोग करने का भी आग्रह किया।

बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य अपने-अपने राज्यों में एनईएसएसी के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, ताकि पूर्वोत्तर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं का अधिकतम और बेहतर उपयोग किया जा सके। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि देश की सभी भाषाओं को एक साथ लेकर देश का सर्वागीण विकास संभव है और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही होनी चाहिए।

शाह ने कहा कि केंद्र अगले कुछ वर्षो में पूर्वोत्तर को बाढ़ और नशा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से मुक्त रखने की अपील जारी की है।

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