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Sehore News : कॉलेज छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर एबीव्हीपी-एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन

एबीव्हीपी ने सीहोर महिला पॉलिटेक्निक की समस्याओं को लेकर तो एनएसयूआई ने छात्रवृत्ति की समस्या को लेकर सौंपे ज्ञापन

सीहोर। कॉलेज छात्र-छात्राओं की विभिन्न समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं एनएसयूआई ने अलग-अलग प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपे। एबीव्हीपी द्वारा सीहोर के महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज की समस्याओं को लेकर कॉलेज गेट पर ताला डालकर प्रदर्शन किया गया। इधर एनएसयूआई ने कॉलेज के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलने को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा एवं छात्रवृत्ति जल्द से जल्द दिलवाने की मांग की।
मनमानी का गढ़ बना महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज-
सीहोर का महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज इस समय मनमानी का गढ़ बना हुआ है। कॉलेज में छात्राओं के लिए न तो हॉस्टल की बेहतर सुविधाएं हैं और न ही यहां पर छात्राओं को शुद्ध खाना मिल पा रहा है। आए दिन यहां रहने वाली छात्राएं कई समस्याओं से रूबरू होती हैं। महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की इन्हीं अव्यस्थाओं एवं परेशानियों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कॉलेज गेट पर ताला डालकर प्रदर्शन किया। एव्हीबीपी का आरोप है कि कॉलेज में छात्राओं को न तो अच्छा भोजन मिल पाता है न ही उनके लिए हॉस्टल में रहने की व्यवस्थाएं हैं। कई अन्य परेशानियां भी यहां पर हैं। कॉलेज प्राचार्य भी अपनी मनमर्जी से कॉलेज संचालित कर रहे हैं। यहाँ नियम- कानून सिर्फ कागजों में है। इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सीहोर जिला अध्यक्ष शुभम व्यास ने बताया कि यहां के प्राचार्य मनमानी पर उतारू हैं। उनके पास यदि कोई छात्रा या हमारे संगठन के पदाधिकारी कोई समस्या लेकर जाते हैं तो वे कहते हैं कि आप तो मेरा तबादला करवा दो। अब उनका तबादला भी हो गया है, लेकिन यहां से जाने को तैयार नहीं है। उनकी तानाशाही के कारण यहां रहने वाली छात्राएं परेशान हैं, वे अव्यस्थाओं के बीच में यहां पर रह रही हैं।
एनएसयूआई ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन-
इधर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर ने ज्ञापन का वाचन करते हुए बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के लाखों विद्यार्थी पिछले कई वर्षों से अपनी छात्रवृत्ति पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। छात्रवृत्ति के अभाव में उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। लाखों परिवार जिन्होंने ब्याज पर उधार पैसा लेकर बच्चों की फीस जमा की वह ब्याज भर-भर कर परेशान हैं। विद्यार्थियों द्वारा अनेकों बार संबंधित विभागों के चक्कर काटने के बाद भी उन्हें छात्रवृति की राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। विद्यार्थी तथा उनके अभिभावक इस संबंध में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ है। विभाग की ओर से धनराशि का अभाव बताकर टाल दिया जाता है। मनीष मेवाड़ा ने कहा कि जब प्रदेश में अनेकों विकास योजनाओं के लिए धनराशि है तो फिर इन विद्यार्थियों के पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए सरकार बजट क्यों नहीं दे रही। मांग की गई है कि उक्त गंभीर समस्या को संज्ञान में लेकर सरकार से अनुसूचित जति, जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को तत्काल छात्रवृति राशि का भुगतान करने के लिए आदेशित किया जाए। मांग करने वालों में प्रमुख रूप से आदिवासी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुमित नर्रे, यश यादव, तनिष त्यागी, अभिषेक लोधी, प्रमोद वर्मा, शुभम मालवीय, रवि बैरागी, अंकित कौशल, अंकुर ठाकुर, हरिओम वर्मा, प्रमोद मेवाड़ा, दीपेश राजपूत, वंश ठाकुर, प्रतीक राठौर, रोहित गोस्वामी, वेंकटेश्वर पटेल, आलोक माली, विवेक यादव, सुमित धोर, किरांती भारती, भविष्य मालवीय आदि शामिल हैं।

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