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रमा एकादशी पर की 1000 कमल पुष्प से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना

सीहोर। शहर के भोपाल नाका स्थित कार्य मंगलम में श्री शक्ति सेवा संस्थान के तत्वाधान में  हर साल की तरह इस साल भी पांच दिवसीय स्फटिक श्री यंत्र प्राण-प्रतिष्ठा, महालक्ष्मी अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अंतर्गत शुक्रवार की सुबह बड़ी संख्या में वेद-पाठी ब्राह्मणों के द्वारा दूसरे दिन रमा एकादशी के पावन अवसर पर श्री यंत्र की पूजन  के बाद सर्व औषधी और तीर्थ जल से मां देवी का अभिषेक किया गया। इसके उपरांत 1000 से अधिक कमल पुष्प, बिल्व पत्र, तुलसी पत्र, गुलाब पुष्प गेंदा पुष्प से सहस्त्रार्चन की गई। वहीं ज्योतिषाचर्य अनिल सोनी के द्वारा यज्ञ आचार्य पंडित पियुष शर्मा के द्वारा यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं के द्वारा विशेष अर्चना की गई।
इस मौके पर पंडित श्री शर्मा ने कहा कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा कहा गया है। रमा का अर्थ लक्ष्मी से है। इसलिए इस दिन लक्ष्मी जी के साथ-साथ विष्णु जी के केशव स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती हैं। यह चातुर्मास की आखिरी एकादशी भी हैं। रमा एकादशी पर पूजा के लिए संध्या काल दीपदान करने से देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं एवं इससे सुख-समृद्धि, धन में वृद्धि होती है और समस्त बिगड़े काम बन जाते हैं। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। मान्यता है कि अगर सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि का वास होता है। बिजनेस में भी लाभ होने के साथ-साथ धन आगमन के नए रास्ते खुलते हैं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में कई सारे उपाय बताए गए हैं। कुछ विशेष उपायों को करने से घर पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से पैसों की कमी भी नहीं होती है। शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी को कमलवासिनी और सुगंधा भी कहा जाता है। देवी लक्ष्मी को गुलाब की खुशबू काफी पसंद है। गुलाब के साथ ही पलाश के फूल से भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के समक्ष गुलाब की खुशबू वाली धूप जलाएं। वहीं पूजा में पलाश के फूल को शामिल करें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनी रहेगी। साथ ही सभी तरह की आर्थिक परेशानियां भी दूर हो जाएंगी। वहीं घर में सुख-समृद्धि आती है।
24 अक्टूबर को किया जाएगा समापन
ज्योतिषाचार्य श्री शक्ति सेवा संस्थान के आचार्य श्री सोनी ने बताया कि कार्य मंगलम में जारी पांच दिवसीय भव्य आयोजन में पहले दिन 51 ब्राह्मणों के द्वारा भव्य अनुष्ठान का शुभारंभ किया गया था। शनिवार को तीसरे दिन सुबह श्री यंत्र पूजन के अलावा केसर एवं सुगंधित द्रव से मां लक्ष्मी का अभिषेक किया जाएगा और उसके पश्चात 1000 चांदी और सोने के सिक्के, गोमती चक्र और पीली कोड़ी से सहस्त्रार्चन की जाएगी। इस मौके पर यज्ञ आचार्य पंडित श्री शर्मा ने बताया कि रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के दिव्य रूप केशव की पूजा देवी लक्ष्मी के साथ की जाती है। इस दिन सुबह उठकर पवित्र नदियों में या घर पर ही सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि कार्य करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक कर पीला चन्दन, अक्षत, मोली, फल, फूल, मेवा, तुलसी दल आदि अर्पित करें एवं लक्ष्मी-नारायण की धूप व दीप से आरती उतारनी चाहिए। इसके बाद एकादशी की कथा सुननी चाहिए,और नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जितना संभव हो जप करें। इन सभी उपायों करने से हमारे घर में सुख-समृद्धि रहती है। संस्थान के द्वारा भव्य आयोजन सभी के कल्याण के लिए किया जा रहा है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से कार्यक्रम में शामिल होकर धर्म का लाभ लेने की अपील की है।

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