भोपालमध्य प्रदेश

कोरोना सेंसेटिव जोन बना टीकमगढ़, सड़क पर कहीं यूपी तो कहीं लग जाती है एमपी सीमा

भोपाल
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लगाई जा रही पाबंदियों पर अन्य जिलों की तरह टीकमगढ़ में भी एक्शन लिया जा रहा है लेकिन यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते जिले से होने वाली सियासी सरगर्मी प्रशासन के लिए चुनौती है। जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर ही यूपी का बार्डर लग जाता है और यही स्थिति जिले में कई स्थानों पर है, ऐसे में कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार के नए निर्देशों के आधार पर ही बार्डर पर जांच के मामले में फैसला लेंगे।

टीकमगढ़ कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी बताते हैं कि जिला मुख्यालय में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए 1000 और 500 एलपीएम के आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। इसके अलावा जतारा में भी 400 एलपीएम के दो आक्सीजन प्लांट विधायक के प्रयासों से शुरू हो गए हैं। अब तक जिले में कोरोना मरीजों की लहर को लेकर गंभीर स्थिति नहीं बनी है और अस्पतालों में शासन की गाइडलाइन के आधार पर दवाओं की उपलब्धता और अन्य संसाधन तैयार हैं। द्विवेदी कहते हैं कि जिले में 97 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज और 92 फीसदी लोगों को दूसरा डोज लगाया जा चुका है। जिला मुख्यालय में 50 बेड का कोविड केयर सेंटर भी बना लिया गया है और आगे भी शासन के निर्देश के आधार पर कार्यवाही चल रही है।

टीकगमढ़ जिले की भौगोलिक स्थिति को लेकर कलेक्टर द्विवेदी का कहना है कि कहीं भी यूपी तो कहीं एमपी की सीमा सड़क पर चलते वक्त लग जाती है। इसके अलावा ग्रामीण अंचल में भी ऐसी ही स्थिति है। ऐसे में यूपी के लोगों का यहां आना-जाना आम बात है। वैसे तो अभी यूपी में भी कोरोना गंभीर स्थिति में नहीं है पर अगर चुनाव के चलते वहां कोरोना संक्रमण ज्यादा बढ़ा तो इसका असर टीकमगढ़ जिले पर पड़ना तय है। सीमा बंद करने को लेकर शासन के फैसले के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

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