राजनीतिक

पंचायत चुनाव के लिए पूरा करेंगे नया परिसीमन, 25 जनवरी तक मांगी दावे-आपत्तियां

भोपाल
कोर्ट के निर्देश पर रुके पंचायत चुनाव के लिए अब नये सिरे से पंचायतों के परिसीमन की कार्यवाही शुरु की जा रही है। परिसीमन की कार्यवाही 2011 की जनगणना के आधार पर की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने परिसीमन के लिए विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। यह कार्यवाही 17 जनवरी से शुरु होगी  और 28 फरवरी तक चलेगी।

ओबीसी आरक्षण के चलते कोर्ट ने प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनावों में मौजूदा आरक्षण व्यवस्था पर रोक लगा दी थी। वहीं विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस दोनो यह संकल्प पारित कर चुके है कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं होंगे। इसके लिए प्रदेशभर की पंचायतों का नये सिरे से परिसीमन कराना जरुरी है इसी के आधार पर आरक्षण और आगे चुनाव की व्यवस्था की जा सकेगी। चूंकि 2021 की जनगणना अभी पूरी नहीं हो पाई है इसलिए वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही परिसीमन की कार्यवाही की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने परिसीमन के लिए पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया है। 17 जनवरी को नगरीय निकाय में सम्मिलित  या पृथक ग्राम या ग्राम पंचायत, किसी सिचाई परियोजना से डूब में आ गए गांव या ग्राम पंचायत, पिछले परिसीमन में छूट गए गांव जो वर्तमान में नगरीय या पंचायत ग्रामीण क्षेत्र किसी में भी सम्मिलित नहीं है। ऐसी ग्राम पंचायत का विस्थापन, पुनर्गठन किये जाने संबंधी प्रारंभिक सूचना का प्रकाशन किया जाएगा।

 इसके बाद 25 जनवरी तक इस प्रारंभिक सूचना को लेकर किसी प्रकार के दावे, आपत्तियां और सुझाव स्वीकार किए जा सकेंगे। 29 जनवरी को इन दावे, आपत्तियों और सुझावों का निराकरण किया जाएगा। इसके बाद 3 फरवरी को इन ग्राम पंचायतों के गठन का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।  11 फरवरी को ग्राम पंचायत के वार्ड का निर्धारण करते हुए उसका प्रारंभिक प्रकाशन किया जाएगा। 18 फरवरी तक इस पर भी दावे, आपत्तियां और सुझाव प्राप्त किए जाएंगे। 21 फरवरी को प्रभावित ग्राम पंचायत के वार्डो के प्रारंभिक प्रकाशन पर प्राप्त दावे आपत्ति या सुझावों का निराकरण किया जाएगा। इसके बाद 23 फरवरी को दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

 जनपद पंचायत और जिला पंचायत का कार्यक्रम
इसके बाद प्रदेश की जनपद पंचायत और जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और उनके क्षेत्र का प्रारंभिक प्रकाशन 4 फरवरी को किया जाएगा। 11 फरवरी तक इस प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्ति एवं सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे। 15 फरवरी को इन दावे, आपत्तियों और सुझावों पर का निराकरण किया जाएगा। 18 फरवरी को अधिसूचना का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। 24 फरवरी को यह सारी कार्यवाही पूरी कर आयुक्त पंचायत राज संचालनालय को प्रतिवेदन भेजा जाएगा। इसके बाद 28 फरवरी को आयुक्त पंचायत राज संपूर्ण राज्य की संकलित जानकारी एवं प्रतिवेदन राज्य शासन को भेजेंगे।

परिसीमन क्यों
ओबीसी आरक्षण पर रोक के चलते प्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द कर दिए गए हैं। विधानसभा में ओबीसी आरक्षण के तहत ही चुनाव कराने का संकल्प लिया है। ओबीसी आरक्षण व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने के लिए परिसीमन जरूरी है। चूंकि 2021 की जनगणना अभी पूरी नहीं हो पाई है इसलिए वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही परिसीमन की कार्यवाही की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने परिसीमन के लिए पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया है।

25 जनवरी तक मांगी दावे-आपत्तियां
17 जनवरी को नगरीय निकाय में सम्मिलित , पृथक ग्राम या ग्राम पंचायत की वस्तु स्थिति प्रारंभिक सूचना प्रकाशित की जाएगी। 25 जनवरी तक दावे, आपत्तियां और सुझाव स्वीकार किए जा सकेंगे। 29 जनवरी को दावे, आपत्तियों का निराकरण होगा और 3 फरवरी को ग्राम पंचायतों के गठन का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। 11 फरवरी को ग्राम पंचायत के वार्ड का निर्धारण करते हुए उसका प्रारंभिक प्रकाशन किया जाएगा। 18 फरवरी तक इस पर भी दावे, आपत्तियां और सुझाव प्राप्त किए जाएंगे। 21 फरवरी को दावे आपत्ति या सुझावों का निराकरण किया जाएगा। 23 फरवरी को दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद जनपद पंचायत और जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और उनके क्षेत्र का प्रारंभिक प्रकाशन 4 फरवरी को किया जाएगा। 28 फरवरी को आयुक्त पंचायत राज संपूर्ण राज्य की संकलित जानकारी एवं प्रतिवेदन राज्य शासन को भेजेंगे।

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