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ब्लैक स्पॉट को खत्म करने भोपाल-इंदौर हाईवे पर सैकड़ाखेड़ी जोड़ और क्रिसेंट चौराहे पर लगाई जाएगी हाई मास्ट लाइट

सीहोर। इंदौर-भोपाल हाईवे पर हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने अब अमल करना तेज कर दिया है।  जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्टर प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिले में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने तथा यातायात को सुगम बनाने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने सभी ब्लैक स्पॉट को खत्म करने तथा भोपाल इंदौर हाईवे पर सैकड़ाखेड़ी जोड़ और क्रिसेंट चौराहे पर हाई मास्ट लाइट लगाने के निर्देश दिए। हाइवे पर बनाए गए कट पाइंट को बंद करने के साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कों और पुल पुलियों की मरम्मत के निर्देश दिए। श्री सिंह ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध निरंतर चालानी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। साथ ही कॉलेजों एवं अन्य स्थानों पर यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा। बैठक में दोराहा में सड़क दुर्घनओं के बढ़ने के संबंध में चर्चा करते हुए दुर्घटनाएं रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। श्री सिंह ने कहा कि दुर्घटना में मदद करने वाले व्यक्तियों की जानकारी शीघ्र बैठक में उपलब्ध कराई जाए ताकि पुरस्कार के लिए उनका नाम भेजा जा सके। बैठक में ट्रैक्टर-ट्रालियों में पंचायतों के माध्यम से रेडियम लगाने के निर्देश दिए।

हाईवे पर कट लगाने वाले लोगों भेजे जाएंगे नोटिस-

बैठक में पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने हाईवे पर कट लगाने वाले लोगों, संस्थानों को नोटिस भेजने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी बैठक के पूर्व सभी कार्यवाहियां सुनिश्चित कर बैठक में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा। एसपी श्री अवस्थी ने दोराहा एवं अन्य दुर्घटना स्थल का तकनीकी सर्वे कराकर सुधार करने की बात कही। बैठक के एजेंडे के बारे में जिला परिवहन अधिकारी ने विस्तार से जानकारी दी। कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में यातायात प्रभारी बृजेन्द्र सिंह धाकड़ सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

दुर्घटना में जान बचाने वालों को मिलेगा पुरस्कार-

भारत सरकार के भू-तल परिवहन मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने तथा दुर्घटना होने पर घायलों की जान बचाने तथा शीघ्र उपचार उपलब्ध कराने के लिए गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति) योजना संचालित की जा रही है। दुर्घटना में घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से पुलिस द्वारा पूछताछ नहीं की जाएगी। जान बचाने पर संबंधित व्यक्ति को पांच हजार रुपये का पुरस्कार कलेक्टर की अध्यक्षता मे गठित समिति के निर्णय के बाद दिया जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में घयलों की जान बचाने वाले व्यक्ति का नाम समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके।

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