सीहोर: संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल के दसवे दिन चाय का ठेला लगाकर जताया विरोध
- कोरोना की दस्तक के बावजूद भी नजर अंदाज कर रही है सरकार
सीहोर। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें की अनिश्चिकालीन हड़ताल के दसवे दिन हड़ताल कर रहे कर्मचारियोें ने चाय का ठेला लगाकर विरोध जताया। इस दौरान कर्मचारियोें ने कहा कि उनकी हड़ताल लगातार जारी रहेगी। इधर कांग्रेस ने भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल में पहुंचकर उन्हें समर्थन दिया है।
प्रदेश में कोरोना की दस्तक की आहट है। शासन-प्रशासन ने अलर्ट कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें की हड़ताल को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। अनिश्चितकालीन हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सीधा असर हुआ है। इसके बावजूद भी कोरोना वॉरियरों की अतिमहत्वपूर्ण मांगों को प्रदेश सरकार द्वारा अनसुनी किया जा रहा है। प्रसूति केंद्रों में भी प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती महिलाओं को परेशान होना पड़ रहा है। ओपीडी से लेकर सरकारी योजनाओं के भुगतान, लैब रिपोर्ट पर भी हड़ताल का असर हो रहा है। जिले के अनेक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मचारियों के नहीं होने के कारण ताले लटके पड़े हैं। पिछले 10 दिनों से हड़तालरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल स्थल और शहर के मुख्य स्थानों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ध्यान आक्रषित करने हेतु परेशान संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा नाना प्रकार के प्रयोजन किए जा रहे हैं। ,
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सीहोर जिलाध्यक्ष अंबर मालवीय ने बताया कि संघ द्वारा नियमित किए जाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश के 32 हजार तथा सीहोर जिले के 950 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने गत 15 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।
कांग्रेस ने दिया समर्थन-
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल के दसवे दिन कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हड़ताल स्थल पहुंचे और उनकी मांग का पूर्णरूप से समर्थन दिया। जिला कांग्रेस कमेटी सीहोर के महासचिव पंकज शर्मा ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की जायज मांग के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार केवल झुठे वादे ही करती है, जिसका परिणाम यहां देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इन स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोनाकाल में केवल कोरोना योद्धा के नाम का लॉलीपॉप ही दिया है। जबकि इन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सभी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को पूरी ईमानदारी के साथ सुचारु रूप से संचालित किया जाता रहा है। इनकी मेहनत और लगन को कोरोना काल में सभी ने देखा और सराहा है।